Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली देखेगा माड़ का दम: अंतरराष्ट्रीय बाडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में बस्तर की बेटी दिखाएगी दम

    Updated: Tue, 27 May 2025 10:57 PM (IST)

    आमतौर पर छत्तीसगढ़ के बस्तर को माओवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। बाकी किसी और काम में बस्तर का नाम सुना नहीं जाता लेकिन एक लड़की ने हालत बदलने क ...और पढ़ें

    Hero Image
    खुशबू नेगी ने बस्तर को दिलाई नई पहचान

    अनिमेष पाल, नईदुनिया, जगदलपुर : बस्तर के अबूझमाड़ का दम दिल्ली देखेगा। दिल्ली के प्रगति मैदान में 30 मई से एक जून तक आइएचएफएफ (अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य, फिटनेस और खाद्य) एक्सपो-शेरू क्लासिक-प्रो क्वालीफायर बाडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में बस्तर की बेटी खुशबू नाग भी प्रतिभागी बनकर उतरने जा रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बस्तर में जहां माओवादी 'बचपन' के हाथों बंदूक थमा देते थे, वहां से निकलकर खुशबू अब अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को चुनौती देने जा रही हैं। खुशबू गोंड जनजाति से आती हैं। वह बस्तर के नारायणपुर जिले के ब्रेहबेड़ा गांव में साधारण से बढ़ई परिवार में जन्मी हैं। इस अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में वह 60 किलो वर्ग में उतरकर विश्व के कई देशों के खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा करने जा रही हैं।

    खुशबू ने बताया कि 2019 में उसकी मां की मौत कैंसर से हो गई थी। इसके बाद वह अवसाद में चली गई थी। अवसाद से उबरने जिम जाने लगी और घंटों पसीना बहाया। यहां कोच दिलीप यादव की निगरानी में एडवांस स्तर का प्रशिक्षण लेने के बाद प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वह तैयार हो सकी।

    यह भी पढ़ें- तेजस्विनी ने जूनियर व‌र्ल्ड कप में लगाया गोल्‍डन निशाना, 11 मेडल के साथ टेबल टॉपर बना भारत

    राष्ट्रीय स्पर्धा में जीते तीन गोल्ड

    खुशबू ने बताया कि बाडी बिल्डिंग शुरु करने के तीसरे ही वर्ष 2022 में दल्लीराजहरा में भारतीय बाडी बिल्डिंग फेडरेशन (आइबीबीएफ) की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में 57 किलो वर्ग में पहली बार गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद 2023 में रायगढ़ व 2024 में मुंबई में आयोजित प्रतियोगिता में भी गोल्ड के साथ स्ट्रांग वुमेन का खिताब भी जीता।

    खर्च चलाने बनी प्रशिक्षक

    खुशबू ने बताया कि फिटनेस पर बहुत अधिक खर्च आता है, इसके लिए वह नारायणपुर के बखरुपारा स्थित एक जिम में प्रशिक्षक का काम करती हैं। इससे पहले वन विभाग की नौकरी के लिए वह दुर्ग में प्रशिक्षण लेने गई थीं, तब वहां के एक जिम में खर्च चलाने प्रशिक्षण देने का काम करती थीं।

    यह भी पढ़ें- सिनर इटेलियन ओपन के फाइनल में, कार्लोस अल्कराज से होगी खिताबी भिड़ंत