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Tokyo Olympics: पीवी सिंधू के ब्रॉन्ज जीतने पर गोपीचंद ने दी बधाई, माता- पिता ने भी दी प्रतिक्रिया

टोक्यो ओलिंपिक में शटलर पीवी सिंधू ने रविवार को ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। इसक साथ ही वह दो ओलिंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला एथलीट बनगईं। इस मौके पर भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद और उनके माता-पिता ने प्रतिक्रिया दी।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:34 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:34 PM (IST)
टोक्यो ओलिंपिक में शटलर पीवी सिंधू ने रचा इतिहास।

नई दिल्ली, एएनआइ। टोक्यो ओलिंपिक में शटलर पीवी सिंधू ने रविवार को ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। इसक साथ ही वह दो ओलिंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला एथलीट बनगईं। इस मौके पर भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद और उनके माता-पिता ने प्रतिक्रिया दी। गोपीचंद ने सिंधू को न केवल उन्हें बधाई दी, बल्कि इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अब लगातार तीन ओलिंपिक खेलों में पदक जीते हैं।

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बैडमिंटन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार गोपीचंद ने कहा, 'लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में पदक जीतने पर पीवी सिंधू को बधाई। यह उनकी और सहयोगी स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। मैं दिल से खेल मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय बैडमिंटन महासंघ का भी धन्यवाद करता हूं जिन्होंने उनकी मदद की। लगातार तीसरी बार ओलिंपिक में बैडमिंटन में पदक आना सुखद है।'

सिंधू की मां पीवी विजया ने क्या कहा

सिंधू की मां पीवी विजया ने कहा कि सेमीफाइनल में हारने के बाद शटलर निराश थी, लेकिन जिस तरह से उन्होंने कांस्य पदक मैच में वापसी की वह काफी प्रभावशाली था। सिंधू ने कांस्य पदक के मैच में चीन की ही बिंग जियाओ को हराया। सिंधू की मां ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा, 'मुझे बहुत खुशी हो रही है, रियो में उन्हें सिल्वर मिला और इस बार ब्रॉन्ज। हम बहुत खुश हैं। हम अच्छी तरह से जश्न मनाएंगे। कल वह थोड़ी परेशान थीं। हमने उन्हें आराम करने और अपनी क्षमता के अनुसार कांस्य पदक मैच खेलने के लिए कहा। 

सिंधू के पिता पीवी रमना ने क्या कहा

सिंधू ने ही बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक जीता। सिंधू इससे पहले रियो ओलिंपिक 2016 में रजत पदक के साथ लौटी थीं। सिंधू के पिता पीवी रमना ने कहा, 'मैं बेहद खुश हूं, दो ओलंपिक में दो पदक जीतना यह किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान काम नहीं है। फिटनेस बनाए रखने और एक देश की उम्मीद पर खरा उतरने के लिए मैं भारत सरकार और सभी अधिकारियों का शुक्रगुजार हूं। मैंने कल ही उनसे कहा था कि कड़ी मेहनत करो और आगे बढ़ती रहो। मैंने उन्हें बताया कि वह कैसे कांस्य जीतकर इतिहास रच सकती है। मैंने उनसे कहा था कि यह जीत मेरे लिए उपहार होगी।'


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