IPL जैसी सफलता पाने शुरू हुई थी लीग, कोविड में बंद करना पड़ा बस्ता, अब अगले साल नए कलेवर के साथ वापसी को तैयार
कोविड महामारी के कारण बंद हुई एक ओलंपिक खेल की लीग अब दोबारा शुरू होने जा रही है। ये लीग आईपीएल को देखकर चालू की गई थी और मकसद था कि इस लीग को इस खेल के श्रेत्र में आईपीएल जैसी सफलता मिले जो हो नहीं सका था। अब ये लीग नए कलेवर के साथ दिखाई दे सकती है।
खेल संवाददाता, नई दिल्ली: भारत में बैडमिंटन प्रेमियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रो बैडमिंटन लीग (पीबीएल) अगले साल फिर से वापसी की तैयारी में है। कोरोना महामारी के कारण 2020 के बाद से इस लीग का आयोजन नहीं हो पाया था। अब भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने इसे नए कलेवर में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है।
बीएआई के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि लीग का पहला संस्करण छोड़ दिया जाए तो इसके बाद वाले सीजन में इसकी लोकप्रियता लगातार कम होती चली गई थी। कोविड-19 महामारी के बाद से तो इसका आयोजन ही पूरी तरह ठप पड़ा है। अब हमारी कोशिश है कि लीग को नई रणनीति और नए विचारों के साथ उतारा जाए, ताकि देश और दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों को इससे जोड़ा जा सके। इस दिशा में काम चल रहा है।
2016 में हुई थी शुरुआत
प्रो बैडमिंटन लीग की शुरुआत 2016 में की गई थी। इसका उद्देश्य बैडमिंटन को भारत में उसी तरह लोकप्रिय बनाना था, जैसे आईपीएल और प्रो कबड्डी लीग ने पहचान दिलाई है। शुरुआती सीजन में इस लीग को दर्शकों का अच्छा समर्थन मिला था, अब लगभग पांच साल बाद इसके लौटने की उम्मीद है। बीएआई पदाधिकारी ने बताया कि इस साल दिसंबर तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का व्यस्त कार्यक्रम होने के कारण लीग की वापसी संभव नहीं होगी। लेकिन अगले साल इसे फिर से आयोजित करने की योजना है।
लीग लगभग 20 से 30 दिनों तक चलती है। इसके लिए बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) से एक निश्चित समय तय कर लिया जाता है, ताकि खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय व्यस्तताओं के बीच इस लीग का आयोजन सुचारू रूप से हो सके।
सात टीमें लेती हैं हिस्सा
अब तक खेले गए संस्करणों में सात टीमें हिस्सा लेती रही हैं। इनमें नार्थईस्टर्न वारियर्स, बेंगलुरु रैप्टर्स, चेन्नई सुपरस्टार्ज, पुणे 7 एसेस, अवध वॉरियर्स, हैदराबाद हंटर्स और मुंबई रॉकेट्स शामिल हैं। ये मुकाबले राउंड राबिन प्रारूप में खेले जाते हैं। हर टाई में पांच मैच होते हैं, जिसमें दो पुरुष सिंगल्स, एक महिला सिंगल्स, पुरुष डबल्स और मिक्स्ड डबल्स शामिल है।
बदलाव की तैयारी
बीएआइ इस बार लीग को और ज्यादा रोचक बनाने के लिए प्रारूप में बदलाव की भी तैयारी कर रहा है। पदाधिकारी का मानना है कि ताजगी भरे बदलाव और विदेशी सितारों की भागीदारी से यह लीग दोबारा लोकप्रियता हासिल कर सकती है। लंबे इंतजार के बाद भारतीय बैडमिंटन प्रेमियों को एक बार फिर रोमांचक पीबीएल देखने का मौका मिलेगा।
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