चीन की वजह से बैडमिंटन पर आ सकता है बहुत बड़ा संकट, समय रहते ढूंढ़ना होगा समाधान, जानिए क्या है माजरा
विश्व बैडमिंटन महासंघ के महासचिव थॉमस लुंड ने शटलकॉक की कमी को संकट स्तर का नहीं माना पर निर्माताओं से आपूर्ति समस्याएँ हल करने को कहा। चीन में कच्चे माल की कमी से शटलकॉक की कीमतें बढ़ी हैं जिसका कारण खान-पान की आदतों में बदलाव और सिंथेटिक विकल्पों की कमी है।
नई दिल्ली, पीटीआई : विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के महासचिव थामस लुंड ने कहा है कि शटलकॉक की मौजूदा कमी अभी 'संकट के स्तर' तक नहीं पहुंची है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्माताओं को शटलकॉक की आपूर्ति की समस्याओं को हल करने के साथ दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए उन्नत सिंथेटिक विकल्पों की शुरुआत में तेजी लानी चाहिए।
चीन में कच्चे माल की भारी कमी के कारण पिछले एक साल में पंख वाले शटलकॉक की कीमत दोगुनी से भी अधिक हो गई हैं। इस संकट के लिए चीन में खान-पान की बदलती आदतों का भी कारण सामने आया है। जिसमें बतख और हंस के मांस की अपेक्षा सूअर के मांस को प्राथमिकता दिए जाने के कारण इन पक्षियों का पालन कम कर दिया गया है।
ज्यादा निर्माण भी एक वजह
वहीं बैडमिंटन की विश्व भर में बढ़ती लोकप्रियता के कारण शटलकॉक का अत्याधिक निर्माण भी इसका एक और कारण माना जा रहा है। भारत में भी बैडमिंटन के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद इस स्थिति से चिंतित हैं। बीडब्ल्यूए महासचिव ने कहा कि हमें वैश्विक आपूर्ति की चुनौतियों और पंख वाले शटलकाक की कीमतों में वृद्धि के बारे में पता है, जिसका असर दुनिया भर के बैड¨मटन समुदायों पर पड़ रहा है। हम स्वाभाविक रूप से इस स्थिति से ¨चतित हैं, लेकिन आकलन के आधार पर हमें नहीं लगता कि यह अभी संकट के स्तर पर है।
उन्होंने कहा, "बीडब्ल्यूएफ भविष्य की स्थिरता और खिलाड़ियों की आने वाली पीढ़ियों के लिए दीर्घकालीन हल सुनिश्चित करने के लिए सिंथेटिक शटलकॉक में निवेश और विकास के लिए शत प्रतिशत प्रतिबद्ध है।"
यह भी पढ़ें- World Championships 2025: भारतीय शटलर्स को मिला मुश्किल ड्रॉ, लक्ष्य सेन की पहले राउंड में नंबर-1 से होगी भिड़ंत
यह भी पढ़ें- जिंदगी बनी खेल! हैदराबाद में बैडमिंटन खेलते हुए 25 साल के युवक की मौत, कैमरे में कैद हुई घटना
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।