जिंदगी बनी खेल! हैदराबाद में बैडमिंटन खेलते हुए 25 साल के युवक की मौत, कैमरे में कैद हुई घटना
हैदराबाद के नागोल स्टेडियम में 25 वर्षीय गुनडला राकेश की बैडमिंटन खेलते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह घटना कैमरे में कैद हो गई। राकेश शटल उठाने के लिए झुके और गिर पड़े। दोस्तों ने सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कम उम्र में हार्ट अटैक के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। कभी खेल को जिंदगी समझा जाता था, लेकिन आज जिंदगी खुद एक खेल बन गई है। आजकल के दौर में ये कहना गलत नहीं कि खेल के मैदान में जीत-हार से ज्यादा जरूरी हो गई है जिंदगी की सुरक्षा हो गई है।
कुछ ऐसी घटने सामने आती है, जिससे हर कोई हैरान रह जाता है। किसी को ये नहीं पता होता जो मैदान में हंसते हुए खिलाड़ी उतरता है, वो लौट भी पाएगा या नहीं।
इसलिए तो कहते हैं कि किस्मत से बड़ा कुछ नहीं होता। ऐसी ही एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना हैदराबाद से सामने आई है, जहां बैडमिंटन खेलते हुए 25 साल के युवक की मौत, जिसकी वीडियो कैमरे में कैद हुई।
हैदराबाद में Badminton खेलते हुए 25 साल के युवक की मौत
हैदराबाद के नागोल स्टेडियम में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। 25 साल के गुनडला राकेश की बैडमिंटन खेलते समय अचानक हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। यह पूरी घटना स्टेडियम में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
राकेश, जो हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, तेलंगाना के खम्मम जिले के तल्लाडा गांव के पूर्व डिप्टी सरपंच गुनडला वेंकटेस्वरलु के बेटे थे।
कैमरे में कैद हुई वीडियो के अनुसार, राकेश रविवार शाम करीब 8 बजे नागोल स्टेडियम में डबल्स बैडमिंटन मैच खेल रहा था। जैसे ही वह झुककर शटल उठाने लगे, अचानक वहीं पर गिर पड़े। उनके साथ मौजूद खिलाड़ी तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़े और एक व्यक्ति ने उन्हें बचाने के लिए सीपीआर देने की कोशिश भी की।
उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें "मृत अवस्था में लाया गया" घोषित कर दिया।
इस तरह की घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि इतनी कम उम्र में और एक्टिव रहने वाले युवाओं को भी हार्ट अटैक कैसे आ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हर किसी को समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए, ताकि दिल से जुड़ी किसी छुपी बीमारी का समय पर पता लगाया जा सके। जीवनशैली में सुधार और समय पर सतर्कता ही इसका सबसे बेहतर इलाज है।
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