Nisha Dahiya: बुलंद हौसले की मिसाल हैं हरियाणा की रेसलर निशा, अकेले चुनौतियों का किया सामना; कभी लगा था 4 साल का बैन
Nisha Dahiya पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में हरियाणा के पानीपत की रेसलर निशा दहिया से हर किसी को उम्मीद है कि वह आज भारत के लिए पदक पक्का करेगी। निशा महिला रेसलिंग फ्री स्टाइल के 68 किलो भार वर्ग में प्री क्वार्टर फाइनल मैच खेलने उतरेगी। ऐसे में आपको बताते हैं निशा दहिया की स्ट्रगल स्टोरी के बारे में।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Nisha Dahiya Wrestler। पेरिस ओलंपिक 2024 के 10वें दिन कुश्ती के मुकाबलों का आगाज होना है। पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए हरियाणा की पहलवान निशा दहिया आज भारत के लिए पदक पक्का करने के इरादे से उतरेंगी। महिला रेसलिंग फ्री स्टाइल के 68 किलो वेट कैटेगरी में शाम 6:30 बजे प्री-क्वार्टर फाइनल मैच खेला जाएगा
इस मैच में अगर वह जीत हासिल करेगी तो फिर शाम 7:50 बजे क्वार्टर फाइनल मैच खेला जाएगा। निशा दहिया ने ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया, जिससे वह इस इवेंट के लिए जगह पक्की करने वाली पांचवीं भारतीय बन गई हैं। हालांकि, निशा का करियर उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा। आइए जानते हैं उनकी स्ट्रगल स्टोरी।
Nisha Dahiya: 12 साल की उम्र से कुश्ती की ट्रेनिंग ले रही है
पानीपत के गांव अदियाना की निशा दहिया ने 12 साल की उम्र से ही कुश्ती में करियर बनाने का मन बना लिया था। वह तब से ही कुश्ती की ट्रेनिंग ले रही है। अपने परिवार की सबसे छोटी बेटी निशा को मां-पिता सबका साथ मिला। उनके पिता एक किसान हैं, जिनका सपना था कुश्ती में नाम कमाने का, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। वहीं, निशा ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए कुश्ती के खेल को चुना।
बचपन में पढ़ाई से ज्यादा खेल को महत्व देने वाली निशा ने अंडर-16 एशियन खेल थाईलैंड में पहला मेडल जीता था, जो कि 2014 में खेला गया।
4 साल का लगा बैन, फिर भी नहीं हारी हिम्मत
निशा को अपने करियर में सबसे बड़ा झटका तब लगा जब डोपिंग परीक्षण में फेल होने के कारण उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा। यह समय उनके लिए काफी मुश्किल था और उन्होंने इस दौरान कई दिक्कतों का सामना किया। इस मुश्किल दौर से उबरते हुए, निशा ने 2019 में उम्र-23 नेशनल चैंपियनशिप जीतकर शानदार वापसी की। निशा के संघर्ष के दौरान, उन्हें साथी पहलवान साक्षी मलिक का समर्थन मिला।
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