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    KHO KHO World Cup 2025: मिट्टी से मैट तक, खो-खो ने भरी इंटरनेशनल उड़ान; ट्रॉफी के साथ मैस्कॉट का अनावरण

    Updated: Fri, 03 Jan 2025 09:52 PM (IST)

    नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 जनवरी 2025 से 19 जनवरी तक आयोजित होने वाले खो-खो वर्ल्ड कप के लिए ट्रॉफी और मैस्कॉट का अनावरण किया गया। मेंस और विमेंस विजेता इवेंट के लिए दो अलग-अलग रंग की ट्रॉफी जारी की गई है। इस मेगा टूर्नामेंट में 6 महाद्वीपों के 24 देश की 21 मेंस और 20 विमेंस टीम हिस्सा लेंगी।

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    खो-खो वर्ल्ड कप 2025 के लिए ट्रॉफी और मैस्कॉट का हुआ अनावरण।

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली में 13 जनवरी से 19 जनवरी तक होने वाले खो-खो वर्ल्ड कप के लिए शुक्रवार को ट्रॉफी और मैस्कॉट का अनावरण किया गया। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय खो-खो महासंघ (KKFI) के अध्यक्ष की मौजूदगी में मैस्कॉट तेजस और तारा को लॉन्च किया गया।

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    स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के तहत आयोजित होने वाले यह टूर्नामेंट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में खेला जाएगा। छह महाद्वीपों के 24 देशों की 21 मेंस और 20 महिला टीमें भाग लेंगी। विश्व कप जीतने वाली महिला और मेंस टीम को दो अलग-अलग ट्रॉफी दी जाएगी। मेंस चैंपियन के लिए एक नीली ट्रॉफी और महिला इवेंट के लिए एक हरी ट्रॉफी दी जाएगी।

    क्या है ट्रॉफी के रंग का मतलब

    दोनों ट्रॉफियों पर खो-खो की गतिशील भावना को दर्शाया गया है, इसमें बहते हुए कर्व और सुनहरे रंग की आकृतियां उकेरी गई हैं। नीली ट्रॉफी विश्वास, दृढ़ संकल्प और सार्वभौमिकता का प्रतीक होगी तो वहीं, हरी ट्रॉफी विकास और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करेगी।

    मैस्कॉट के हैं खास मायने

    खो-खो फेडरेशन ने टूर्नामेंट के आधिकारिक मैस्कॉट 'तेजस' और 'तारा' का भी अनावरण किया। तेजस, जो प्रतिभा और ऊर्जा का प्रतीक है और तारा, जो मार्गदर्शन और आकांक्षा का प्रतीक है। इसे पारंपरिक भारतीय संस्कृति से डिजाइन करते हुए नीले और नारंगी रंग की खेल पोशाक में दर्शाया गया है। यह खो-खो खेल की विरासत और इसके आधुनिक आकर्षण को बताती है।

    80 करोड़ है वर्ल्ड कप का बजट

    खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बताया कि वर्ल्ड कप के लिए खिलाड़ियों के लिए एक खेल गांव का निर्माण किया जाएगा। साथ ही पूरे वर्ल्ड कप का बजट 80 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट इस स्वदेशी खेल के इतिहास में एक ऐतिहासिक आयोजन होगा। यह ग्लोबल टैलेंट्स को एक साथ लाएगा और विश्व मंच पर भारत की खेल विरासत को प्रदर्शित करेगा।

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