Working Hour: ओडिशा में कर्मचारियों को अब 10 घंटे करना होगा काम, सरकार ने श्रम कानून में किया बदलाव
ओडिशा सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किया है। दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए ओडिया में साइनबोर्ड अनिवार्य किए गए हैं। दैनिक कार्य अवधि बढ़ाकर 10 घंटे और ओवरटाइम सीमा बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है। महिला कर्मचारियों को कुछ शर्तों के साथ रात में काम करने की अनुमति दी गई है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य में नए उद्योग और निवेश को आकर्षित करने, कारखानों का उत्पादन बढ़ाने तथा श्रमिकों के रोजगार में वृद्धि करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1956 तथा कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन किया है। श्रम विभाग के इस संबंधी संशोधन प्रस्ताव को आज राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
लोकसेवा भवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में उपरोक्त प्रस्ताव सहित 3 विभागों के 4 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। इसमें श्रम विभाग के 2, पूर्त विभाग का 1 और विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग का 1 प्रस्ताव शामिल है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और मुख्य सचिव मनोज आहुजा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि संशोधन के अनुसार, वे दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान जिनमें 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत होंगे, उन पर ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1956 लागू होगा। साथ ही सभी प्रतिष्ठानों को ओडिया भाषा में साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
कामकाजी समय और ओवरटाइम
दैनिक कार्य अवधि 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दी गई है। कोई भी कर्मचारी लगातार 6 घंटे से अधिक बिना कम-से-कम आधा घंटे के अंतराल के काम नहीं करेगा। त्रैमासिक ओवरटाइम सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है।
किसी भी दिन 10 घंटे से अधिक या किसी सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने पर कर्मचारी को ओवरटाइम के लिए सामान्य मजदूरी दर का दोगुना भुगतान मिलेगा।
प्रतिष्ठान 24 घंटे और वर्षभर 365 दिन खुले रह सकते हैं। सरकार अधिसूचना जारी कर अधिकतम दैनिक कार्य अवधि 12 घंटे तक कर सकती है, बशर्ते कर्मचारियों को आवश्यक विश्राम मिले।
महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान
रात में काम करने पर लगी पाबंदी हटा दी गई है। महिला कर्मचारियों को उनकी लिखित सहमति और सरकार द्वारा अधिसूचित शर्तों के अनुसार रात में भी कार्य पर लगाया जा सकेगा।
अन्य प्रस्ताव
मॉडल स्कूल योजना: ग्राम पंचायत स्तर पर गोदाबरीश आदर्श विद्यालय योजना को मंजूरी मिली।पहले चरण में 2025-26 से 2027-28 तक 2200 मॉडल स्कूल बनाए जाएंगे।अनुमानित खर्च 12 हजार करोड़ रुपये होगा। प्रत्येक स्कूल पर औसतन 5 करोड़ रुपये का व्यय आंका गया है।
घटकगांव मां तारिणी पीठ का विकास: इसे देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में विकसित करने का निर्णय लिया गया। निर्माण कार्य के लिए 146 करोड़ रुपये (जीएसटी छोड़कर) की निविदा को स्वीकृति दी गई। कुल अनुमानित व्यय 226 करोड़ रुपये होगा। विकास कार्य दिल्लीप कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. द्वारा किया जाएगा।
59.206 एकड़ क्षेत्र में यह कार्य 24 माह में पूरा होगा। सुविधाओं में 216 शैयाओं वाला यात्री निवास, तीर्थयात्री केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, फूड प्लाज़ा, वॉच टावर, मार्केट कॉम्प्लेक्स, अन्न भंडार, 500 लोगों की क्षमता वाला प्रसाद वितरण कक्ष और सामान रखने का घर आदि शामिल होंगे।
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