Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां शुरू, लकड़ी चिराई के लिए की गई पूजा-अर्चना
पुरी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए नयागढ़ वनखंड से आई लकड़ी की चिराई के लिए कटक के खपुरिया स्थित सरकारी आरा मिल में पूजन विधि संपन्न हो गई है। मुख्य प्रशासक डॉ. अरविंद पाढ़ी के नेतृत्व में उग्रसेन मेकाप रथ के अमीन लक्ष्ण महापात्र भोई सरदार रवीन्द्र भोई सहित कई लोग आरा मिल पहुंचे। इस दौरान आरा मिल परिसर में उत्सव का माहौल बन गया।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए नयागढ़ वनखंड से आई लकड़ी की चिराई के लिए कटक के खपुरिया स्थित सरकारी आरा मिल में पूजन विधि संपन्न हो गई है। पूजन विधि के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर से आज्ञा माला लेकर मुख्य प्रशासक डॉ. अरविंद पाढ़ी के नेतृत्व में उग्रसेन मेकाप, रथ के अमीन लक्ष्ण महापात्र, भोई सरदार रवीन्द्र भोई, जेटीपी वेणुधर महारणा, अनादि स्वांई प्रमुख खपुरिया आरा मिल पहुंचे।
आरा मिल परिसर में उत्सव का माहौल
आरा मिल परिसर में उत्सव का माहौल बन गया। यहां पहले से तैयार रहने वाली नुआपड़ा जय जगन्नाथ संकर्तीन मंडली के सदस्यों ने झांझ-मृदंग बजाकर आगंतुकों का स्वागत किया। रथ के अमीन लक्ष्मण महापात्र ने तीन धउरा लकड़ी पर आज्ञा माला रखने के साथ ही वेद मंत्र उच्चारण कर लकड़ी चिराई प्रक्रिया को शुरू किया गया।
शुरू हुई लकड़ी की चिराई
खपुरिया खंडीय के प्रबंधक रुद्रमणि साहू की देखरेख में 12 फीट लंबे 22.18 क्यूबिक (घन) फीट और तीन फीट राउंड के तीन धउरा लकड़ी की चिराई प्रक्रिया शुरू की गई।
2005 से आरा मिल में हो रही लकड़ी की चिराई
आरा मिल के सुपरवाइजर शरत पाइकराय, सब डिवीजनल अधिकारी अभिराम जेना और जितेंद्र दास ने बताया कि यहां भगवान जगन्नाथ की रथ के लिए 9,500 घन फीट लकड़ी चिराई के लिए आई है।
2005 से यहां पर रथ के लिए लकड़ी की चिराई की जाती है। अगले दो महीने तक खुर्दा और नयागढ़ से लकड़ी यहां आएगी।
भक्तों ने अपनी जमीन से दी फासी की लकड़ी
सुपरवाइजर शरत पाइकराय ने बताया कि जंगल में फासी लकड़ी न होने के कारण श्रद्धालुओं ने अपनी जमीन से फासी पेड़ों की लकड़ी काटकर भगवान को दी है।
इस अवसर पर कटक सदर विधायक इंजीनियर प्रकाश चंद्र सेठी, सीएमसी वार्ड नंबर 51 पार्षद राकेश कुमार स्वांई, वार्ड नंबर 50 पार्षद संतोष कुमार भोल, महानदी विहार वन रेंज रेंजर शर्मिला नायक, फॉरेस्ट गार्ड सूर्यकांत साहू, भास्कर चंद्र महारणा, संदीप आचार्य, पूर्व पार्षद कैलाश बस्तिया प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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