Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Odisha News: भुवनेश्वर में होगी कुत्तों की जनगणना, 410 टीमें गठित; BMC ने क्यों उठाया ये कदम?

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 12:10 PM (IST)

    भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जनगणना कराने का फैसला किया है। 17 से 24 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान में 410 टीमें शामिल होंगी। बीएमसी आयुक्त चंचल राणा ने बताया कि इस सर्वे का उद्देश्य कुत्तों की सही संख्या का पता लगाना है।

    Hero Image
    भुवनेश्वर में होगी कुत्तों की जनगणना। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से रोज़ाना समस्याएं पैदा हो रही हैं। इसी को देखते हुए भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने आवारा कुत्ता जनगणना कराने का निर्णय लिया है। यह अभियान 17 से 24 सितंबर तक दो चरणों में राजधानी के अलग-अलग इलाकों में चलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीएमसी सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक ज़ोन, वार्ड और गली के लिए टीमें बनाई गई हैं। कुल 410 टीमों को गिनती का कार्य सौंपा गया है। यह जनगणना रोज़ाना सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक होगी।

    कुशल पशु चिकित्सकों की देखरेख में यह प्रक्रिया चलेगी, जिसमें पर्यवेक्षक, सैनिटरी इंस्पेक्टर, एसएमटीए, डीईओ, सीओ और वार्ड अधिकारी निगरानी करेंगे। बीएमसी ने इस पहल के लिए कुल 12 लाख रुपये आवंटित किए हैं।

    बीएमसी आयुक्त चंचल राणा ने कहा कि हम कुत्ता गिनती सर्वे शुरू कर रहे हैं। यह सर्वे बहुत समय पहले हुआ था और हमारे पास निगम क्षेत्र में कुत्तों की सटीक संख्या का डेटा नहीं है।

    मीडिया और इंटरनेट मीडिया में इस विषय पर कई बहसें और आंकड़े सामने आ रहे हैं। अब हम 7 से 10 दिनों तक यह गिनती करेंगे ताकि इसे वैज्ञानिक रूप दिया जा सके।

    जनगणना में शामिल कर्मचारियों को आवारा कुत्तों की गतिविधियों की सही निगरानी सुनिश्चित करने के लिए तीन दिन का प्रशिक्षण दिया गया है। कुत्ता प्रेमियों ने इस पहल का स्वागत किया है।

    उनका कहना है कि इससे हर वार्ड में कुत्तों की वास्तविक संख्या पता चल सकेगी। साथ ही बीएमसी जरूरत के हिसाब से कुत्तों को भोजन और टीकाकरण भी करा सकेगा।

    जनगणना में आवारा कुत्तों के जन्म और मृत्यु दर का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। राज्य में इस तरह का यह पहला प्रयास है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को हादसों और संक्रामक बीमारियों से बचाना है।

    क्यों हिंसक हो रहे कुत्ते

    एक पशुप्रेमी तथा सामाजिक कर्मी राजेश केजरीवाल ने कहा कि कई बार कुत्तों की संख्या बढ़ रही है लेकिन भोजन की उपलब्धता कम है। इसकी वजह से वे भोजन की कमी से हिंसक हो रहे हैं।

    यदि उनकी संख्या भोजन की उपलब्धता के अनुरूप नियंत्रित रहे तो उनकी आक्रामकता को रोका जा सकता है। सरकार को जनगणना प्रक्रिया से पहले अलग-अलग क्षेत्रों के कुत्ता पालकों और पशुप्रेमियों से परामर्श करना चाहिए ताकि असली आक्रामक जानवरों की पहचान हो सके।

    दूसरी ओर अन्य एक पशुप्रेमी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कुत्ता जनगणना की कोई वास्तविक ज़रूरत नहीं है क्योंकि बीस पिल्लों में से केवल एक ही जीवित रहता है। उन्हें उपचार, नसबंदी और भोजन चाहिए। उन्हें उचित आश्रय चाहिए। कुत्ते केवल अपने सही स्थानों पर ही जीवित रह सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- Odisha News: इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में ओडिशा का 5वां स्थान, निजी बस मालिक अब भी पीछे

    यह भी पढ़ें- Odisha News: होमगार्ड भर्ती में फिजिकल टेस्ट के दौरान युवक की मौत, दौड़ते समय हुआ हादसा