Odisha News: सुंदरगढ़ में जल्द बनेगा ट्रक टर्मिनल, दूर होगी पार्किंग की समस्या
सुंदरगढ़ में जल्द ही ट्रक टर्मिनल बनने जा रहा है जिससे सड़कों पर अवैध पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। पहले चरण में राज्य के 23 स्थानों पर ट्रक टर्मिनल बनाए जाएंगे। सुंदरगढ़ में 1996 में खुली एमसीएल की द्वितीय वृहत कोयला खदान से कोयला परिवहन के लिए पांच हजार से अधिक छह पहिया वाले वाहन नियोजित हैं जिनकी संख्या अब दस हजार से अधिक हो गई है।

जागरण संवाददाता, राउरकेला। सुंदरगढ़ में बहुप्रतीक्षित ट्रक टर्मिनल निर्माण का काम शीघ्र शुरु होगा। इससे राजपथ पर जहां तहां अवैध पार्किंग की समस्या दूर सकेगी।
पहले चरण में राज्य के सुंदरगढ़ समेत 23 स्थानों पर ट्रक टर्मिनल बनाने के लिए परिवहन विभाग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधीनस्थ एनएचएलएमएल के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है।
30 से 50 करोड़ की लागत पर टर्मिनल का निर्माण होगा जिसमें 500 से 1500 तक ट्रक एक साथ पार्क किए जा सकेंगे।
पार्किंग के साथ वे-ब्रिज, पेट्रोल पंप, लोडिंग अनलोडिंग सुविधा, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, गैराज, पुलिस चौकी, स्वास्थ्य केंद्र, विश्राम गृह, पेयजल, होटल, मार्केट कांप्लेक्स बनाने की योजना है।
सुंदरगढ़ जिले के हेमगिर में 1996 में एमसीएल का द्वितीय वृहत कोयला खदान खुला एवं यहां से कोयला परिवहन के लिए पांच हजार से अधिक छह पहिया वाले वाहन नियोजित किए गए।
अब इनकी संख्या बढ़कर दस हजार से अधिक हो गई है। वाहनों को पार्किंग करने के लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई जिस कारण वाहन जहां तहां सड़कों के किनारे खड़ी की जा रही है।
जिले में हो रही यह समस्या
- इससे जिले में ट्रैफिक समस्या उत्पन्न हो रही है। सुंदरगढ़ ट्रक मालिक संघ की ओर से बार बार ट्रक टर्मिनल बनाने की मांग की जाती रही है।
- इसके बाद किरेई में ट्रक पार्किंग की जगह पहचान की गई पर यहां भी जगह कम पड़ने के कारण संबलपुर- राउरकेला बीजू एक्सप्रेस वे में करमडीह, भोजपुर, रानी बगीचा चौक, पतरापाली रोड, किरेइ, मनसीकानी टोल गेट, शंकरा, कॉलेज बाइपास व शहर के मेन रोड पर अधिक वाहनों की पार्किंग की जाती है।
- इससे दुर्घटनायें बढ़ रही हैं। इसके साथ ही खड़े वाहनों से बैटरी व तेल चोरी की घटनायें भी बढ़ी हैं। ट्रक टर्मिनल निर्माण के लिए अब स्वीकृति मिल गई है। इससे यहां ट्रैफिक समस्या का समाधान हो सकेगा।
नई सरकार बनने के बाद भी नहीं हुआ निर्माण
निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की ओर से सुंदरगढ़ जिले में दो लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण किया गया है।
राउरकेला श्रम विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता के कारण विवाह, बच्चों की पढ़ाई, मृत्यु कालीन सहायता, प्रसव कालीन सहायता, सुरक्षा उपकरण, आवास आदि के लिए श्रमिकों की सहायता के लिए आवेदनों पर विचार नहीं हो रहा है एवं वे सहायता से वंचित हैं।
पहले श्रम कार्यालय में एक अधिकारी थे अब दो अधिकारी हैं। तीन सहायक श्रम अधिकारी की जगह 10 अधिकारी काम कर रहे हैं। इसके बाद भी श्रमिकों का काम नहीं हो रहा है।
20 हजार से अधिक श्रमिक परिचय पत्र के लिए आवेदन किए हैं। 2022-23 में तीन हजार निर्माण श्रमिकों को 22 करोड़ रुपये सहायता राशि दी गई थी। मार्च 2024 में श्रमिकों के लिए तीन करोड़ रुपये स्वीकृत की गई थी।
दो सौ से अधिक श्रमिकों का आवेदन मिला है पर उन्हें राशि का भुगतान नहीं किया गया है। राउरकेला श्रम विभाग कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है पर समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
विभिन्न सहायता के लिए किए गए आवेदनों की जांच नहीं की जा रही है एवं महीनों तक आवेदन लंबित हैं। आर्थिक वर्ष 2024-25 के खत्म होने में मात्र दो महीने बचे हैं एवं 200 लोगों को डेढ़ करोड़ रुपये की सहायता मिली है।
पूर्व श्रम अधिकारी के द्वारा दो सौ श्रमिकों के लिए तीन करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी पर इसका भुगतान नहीं हुआ है। राउरकेला श्रम कार्यालय में पांच हजार श्रमिकों के लिए करीब 25 करोड़ रुपये जमा हैं।
सहायता के लिए आवेदन करने वाले श्रमिकों को आवेदन पर विचार करने के बाद एकाउंट में पैसा भेजा जाता है। विभिन्न कारणों से लंबित आवेदनों पर विचार किया जा रहा है एवं उन्हें शीघ्र सहायता राशि प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। - प्रणव जेना, उप श्रम आयुक्त, राउरकेला।
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