Odisha: पिता की शुद्धि क्रिया के लिए छोटे बच्चे घर-घर घूम मांग रहे हैं भीख, कंधे पर गमछा हाथ में पकड़ी थैली
आदर्श युवा परिषद आर्थिक मदद करने के साथ ही भीख मांगने में भी मदद कर रहा है। परिषद के सदस्य ने कहा प्रशासन एवं लोगों की मदद मिल जाए तो गरीब परिवार का भला हो जाएगा। मृतक का नाम उमेश जेना था जिसकी कैंसर पीड़ित के कारण मौत हो गयी।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। परिवार का भरण पोषण करने के लिए पिता दैनिक मजदूरी करते थे। हालांकि इसी बीच उनको कैंसर हो गया और कैंसर का ठीक से इलाज ना हो पाने के कारण मृत्यु हो गई। अब बेटा घर-घर जाकर अपने पिता की शुद्धि के लिए पैसे मांग रहा है। ऐसी एक दुखद घटना बालेश्वर जिले के सोरो प्रखंड के बरंगपुर गांव में सामने आई है।
दैनिक मजदूरी करता था मृतक
मृतक मजदूर का नाम उमेश जेना है। उनका घर बालेश्वर जिले के सोरो प्रखंड के गांव बरंगपुर गांव में है। वह प्रदेश के बाहर दैनिक मजदूरी करते थे। कुछ दिनों तक काम करने के बाद उनके फेफड़ों में कैंसर होने की बात पता चली। इसके बाद वह घर चले आए। यहां आने के बाद कई जगहों पर उन्होंने इलाज करवाया मगर बीमारी ठीक नहीं हुई। उसके पास जो भी पैसा था, वह इलाज पर खर्च हो गया। '
पत्नी और दो छोटे बेटे हुए बेसहारा
काफी कष्ट सहने के बाद आखिरकार कटक बड़ा मेडिकल सेंटर में उमेश की मौत हो गई। एक तरफ रमेश की मृत्यु हो गई तो वहीं दूसरी तरफ घर में जो भी पैसा था वह इलाज में खर्च हो गया। उनके घर में पत्नी और दो छोटे बेटे हैं, जो कि अब बेसहारा हो गए हैं। आलम यह हो गई है कि अब पिता की शुद्धि क्रिया के लिए छोटे बच्चे घर-घर घूम कर लोगों से पैसे मांग रहा है।
पिता की शुद्धि के लिए मदद मांग रहे हैं बच्चे
उसके कंधे पर गमछा, हाथ में एक प्लास्टिक की थैली। एक घर से दूसरे घर, एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले घूमकर चौथी कक्षा में पढ़ने वाला 9 वर्षीय छात्र चंद्रकांत जेना अपने पिता की शुद्धि के लिए मदद मांग रहा हैं। घर-घर पहुंचकर पैसे मांग रहा है। क्योंकि धन मिलने पर ही पिता की शुद्धि होगी। गांव के लोग हर संभव मदद कर रहे हैं। स्वयंसेवी संस्था आदर्श युवा परिषद इन दोनों बच्चों की पैसा जुटाने में मदद कर रही है।
पति का फोटो रखकर रो रही है पत्नी
दूसरी ओर, चंद्रकांत की मां नए चाल के घर के नीचे बैठकर पास में पति का फोटो रखकर रो रही है। उमेश की पत्नी शुभलक्ष्मी जेना ने कहा है कि हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा मुश्किल दिन आएगा। पति के शुद्धिक्रिया के लिए भिक्षा मांगनी पड़ी है। लोग यदि मदद कर देंगे तो शुद्धिक्रिया हो जाएगी।
आदर्श युवा परिषद के सदस्य बसंत कुमार राउत ने कहा है कि यह परिवार बेहद गरीब है। उमेश का पार्थिव शरीर धन की कमी के कारण कटक से गांव नहीं लाया जा सका। परिषद की ओर से पार्थिव शरीर लाने के प्रयास किया गया।
गरीब परिवार की मदद को 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई, मगर यह समुद्र में शंख के समान है। ऐसे में उमेश के बेटे के साथ, वे भी शुद्धि प्रक्रिया के साथ परिवार के भरण-पोषण के लिए लोगों से भीख मांग रहे हैं। प्रशासन और लोगों की मदद मिल जाती तो इस गरीब परिवार की मदद हो जाती।
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