World Diabetes Day 2022: जंक फूड और शराब से बढ़ रहा है मधुमेह का खतरा, 20 से 40 वर्ष के युवा हो रहे हैं शिकार
World Diabetes Day 2022 मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इनमें में 40 फीसदी मरीज 20 से 40 वर्ष के बताये जा रहे हैं। हालांकि बुजुर्ग अब इस बीमारी को लेकर जागरुक हो रहे हैं लेकिन युवा लापरवाही बरत रहे हैं।
इंदौर, नवीन यादव। World Diabetes Day 2022: जीवनशैली में बदलाव की वजह से मधुमेह रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें चिंता की बात यह है मधुमेह विशेषज्ञ डाक्टरों के पास आने वाले 40 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिनकी आयु 20 से 40 वर्ष है। युवा भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं।
ज्यादातर युवा पैंक्रियाटिक डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। जिसका मुख्य कारण शराब और जंक फूड है। उसके ऊपर सबसे बड़ी समस्या यह है कि कामकाजी युवा मधुमेह का उचित इलाज नहीं करते हैं।
मधुमेह विशेषज्ञ डा. सुनील एम. जैन का कहना है कि अब बुजुर्गों में मधुमेह को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लेकिन युवा इसे लेकर लापरवाह है।
1990 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल एक से दो प्रतिशत लोग ही मधुमेह से पीड़ित थे, जबकि शहर में यह आंकड़ा 7 से 8 प्रतिशत था, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 10 से 11 प्रतिशत गांव में और शहर में 16 से 17 प्रतिशत हो गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मधुमेह रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। लोगों की बदलती जीवनशैली में भी काफी बदलाव है। मसलन, दिल्ली में जहां आधुनिकता है, वहां मधुमेह के मरीजों की संख्या ज्यादा मिलेगी, हालांकि इसकी तुलना में झारखंड जैसे राज्य में मधुमेह के कम रोगी मिलेंगे।
डाक्टर जैन कहते हैं कि पिछले 10 वर्षो में हमारी जीवनशैली में काफी ज्यादा बदलाव आया है। इससे काफी परेशानी हो रही है। अब हमारे पास इलाज के लिए आने वाले मरीजों में 40 फीसदी मरीज 20 से 40 साल के हैं।
युवा मरीज तीन प्रकार के मधुमेह से पीड़ित हैं
डा. जैन ने बताया कि सामान्य टाइप 2 और टाइप 1 मधुमेह होना आम बात है, लेकिन तीसरे प्रकार का मधुमेह युवाओं में हो रहा है। जिसमें पैंक्रियाटिक डायबिटीज की संख्या बढ़ती जा रही है और इसका सबसे आम कारण शराब है।
शराब से अग्न्याशय क्षतिग्रस्त हो जाता है और शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है। इसके अलावा फैटी लीवर, हाई ब्लड प्रेशर भी एक प्रमुख कारण है, जो जंक फूड की वजह से हो रहा है। इसके लिए देर रात तक जागना और लगातार खाते रहने की आदत को बंद करना पड़ता है।
युवाओं को मुश्किल में डाल देगी लापरवाही
युवा मधुमेह होने के छह माह तक अपना बेहतर इलाज करवाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि नियमों का पालन करें, संतुलित आहार लें, व्यायाम करें और दवा लें। लेकिन मधुमेह जैसे ही नियंत्रण में आ जाता है लोग लापरवाही बरतने लगते हैं। इसकी वजह उनका बिजी लाइफस्टाइल है।
यह गंभीर लापरवाही है। जिसका परिणाम 10 से 15 साल बाद देखने को मिलता है। अगर युवाओं को इससे बचना है तो उन्हें अपना वजन नियंत्रित करना होगा।
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