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    Soumyashree Suicide Case: सौम्याश्री ने 60 घंटे मौत से लड़ी जंग, ओडिशा छात्रा आत्मदाह मामले में अब तक क्या हुआ?

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 04:58 PM (IST)

    ओडिशा के बालेश्वर में एक कॉलेज छात्रा लावा पांडे ने विभागाध्यक्ष द्वारा कथित मानसिक उत्पीड़न के बाद आत्महत्या का प्रयास किया। शिकायत करने पर भी प्राचार्य द्वारा मदद न मिलने पर उसने कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली। आरोपी अध्यापक ने अनुचित मांग रखी थी। सरकार ने अध्यापक और प्राचार्य को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच जारी है।

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    सौम्याश्री ने 60 घंटे मौत से लड़ी जंग

    लावा पांडे, बालेश्वर। ओडिशा में अपने कॉलेज के विभागाध्यक्ष द्वारा कथित तौर पर लंबे समय तक मानसिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद 20 वर्षीय छात्रा ने खुद को आग लगा ली।

    यह भी आरोप है कि शिकायत दर्ज कराने और प्राचार्य से मदद मांगने के बावजूद, उसकी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया गया। जिसके बाद उसने बीते शनिवार को फकीर मोहन कॉलेज परिसर में यह आत्मघाती कदम उठा लिया।

    चलिए अब आपको इस केस के पूरी टाइमलाइन समझाते हैं-

    30 जून: आरोपी अध्यापक समीर कुमार साहू ने छात्रा के सामने अनुचित और असहज करने वाली मांग रखी। कहा- बात मानो तो रोज क्लास में आओ नहीं तो परीक्षा नहीं दे पाओगी। छात्रा का आरोप है कि अध्यापक के मन में कुछ गलत विचार (खोट) थे।

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    1 जुलाई: सौम्याश्री ने लिखित शिकायत इंटरनल कंप्लेंट कमेटी को सौंपी।

    12 जुलाई: जब 12 दिन बीत जाने के बाद भी अध्यापक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रा ने कुछ अन्य सहपाठियों के साथ पहले कॉलेज के मुख्य फाटक पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद अचानक पीड़ित छात्रा महाविद्यालय के प्राचार्य दिलीप घोष के कक्ष में गई। वो यह जानना चाह रही थी कि आखिर क्या कार्रवाई हुई है?

    वहां उचित जवाब न पाने पर वह तुरंत बाहर निकली और उसने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क आग लगा दी। उसे बचाने के लिए एक अन्य सहयोगी दौड़ा था, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी की देखते ही देखते छात्रा 95% जल गई और बचाने वाला छात्र भी आंशिक तौर पर जल गया था।

    13 जुलाई: राज्य सरकार ने आरोपी अध्यापक और महाविद्यालय के प्राचार्य दिलीप घोष को नौकरी से निलंबित कर दिया। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े तीन सदस्य दल को उक्त घटना की जांच का जिम्मा सौंपा।

    12 जुलाई से लेकर 14 जुलाई के बीच: उक्त छात्रा भुवनेश्वर के एम्स चिकित्सालय में इलाज के लिए भरती की गई। पहले उसे जिला मुख्य चिकित्सालय में लाया गया, जहां काफी नाजुक हालत के कारण तत्काल बिना समय गंवाए उसे एम्स चिकित्सालय में इलाज के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था।

    14 जुलाई: ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कमभमपति में राज्य सरकार से पूरी घटना का रिपोर्ट मांगी थी। इसी 14 जुलाई को भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पीड़िता को देखने एम्स चिकित्सालय गई थी। साथ में राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी गए थे।

    14 जुलाई: अचानक रात 11 बजे के बाद से ही एम्स चिकित्सालय में पुलिस की तैनाती शुरू कर दी गई थी। रात 11:46 बजे बर्न्ट विभाग के मुख्य डॉक्टर ने लिखित तौर पर घोषित किया कि छात्रा अब इस दुनिया में नहीं रही।

    14 जुलाई: शाम 4:00 बजे महाविद्यालय के प्राचार्य दिलीप घोष को सहदेवखूंटा की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। करीब 6 घंटे से ज्यादा समय रखने के बाद उन्हें बालेश्वर जेल भेज दिया गया था।

    14 जुलाई: विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के द्वारा सुबह से ही बालेश्वर के विभिन्न स्थानों पर भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था।

    15 जुलाई: पीड़िता को एम्स चिकित्सालय से कड़ी सुरक्षा के बीच उसके पैतृक गांव बालेश्वर के भोगराई नामक स्थान पर लाया गया, जहां पर उसके गांव में ही बने श्मशान में उसका अंतिम संस्कार किया गया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चारण माझी ने पीड़िता के परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की।

    वहीं, 17 जुलाई को सात विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के द्वारा ओडिशा बंद का आह्वान किया गया है। दूसरी ओर, विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा महाविद्यालय के मुख्य फाटक पर शोक सभा का आयोजन किया गया।

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