Odisha News: कालीजय मंदिर में पूजा करने गए 20 यात्री चिलिका झील के बीच फंसे, घंटों बाद शुरू हुआ नौका परिचालन
Odisha ओडिशा में शनिवार के तड़के एशिया में खारे पानी की सबसे बड़ी झील चिलिका में यात्रियों से भरी नाव फंस गई। घने कोहरे के कारण दृश्यता कम थी जिसके कारण नौका को घंटों झील के बीच में ही रुकना पड़ा।

अनुगुल /भुवनेश्वर , जागरण संवाददाता। एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की चिलिका झील (Chilika Lake) में शनिवार को यात्रियों से भरी वान बीचोंबीच फंस गई। नाव पर 20 यात्री सवार थे। सभी मकर संक्रांति के अवसर पर कृष्णप्रसाद के मां कालीजय मंदिर (Kalijai Temple) में विशेष पूजा-अर्चना करने के उद्देश्य से गए थे। सूत्रों ने कहा कि कई घंटों तक झील के बीच फंसे रहने के बाद यात्रियों से भरी नाव कोहरा छंटने के बाद निकली। यात्रियों से भरी नाव झील के बीच में गंटागढ़ के पास रुकी हुई थी।
बताया जा रहा है कि शनिवार के तड़के घने कोहरे के कारण दृश्यता की कमी थी। इसी दौरान 20 यात्री अपनी योजना के अनुसार सुबह-सुबह नाव पर सवार होकर यात्रा के लिए निकल पड़े। खबरों के मुताबिक, घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होने के कारण नौका को झील के बीच में घंटों तक रुकना पड़ा। इस दौरान यात्रियों में डर का माहौल बन गया था। कोहरा छटने के कई घंटों के बाद नौका ने फिर से परिचालन शुरू किया और यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया।
इस बीच घटना को लेकर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बालूगांव एसडीपीओ मानस रंजन बारिक ने बताया कि कोहरे की स्थिति कम होने तक नाव सेवा अस्थायी रूप से निलंबित रहेगी। बता दें कि कालीजय मंदिर चिलिका झील में एक द्वीप पर स्थित है। इसे देवी कालीजय का निवास स्थान माना जाता है। स्थानीय लोगों के साथ- साथ माता कालीजय के दर्शन के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। हर साल जनवरी में मकर संक्रांति के त्योहार के मौके पर यहां एक विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता है।
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