Odisha में मकर संक्रांति की धूम, मकर चौराशी बेशा में भगवान जगन्नाथ और भाई-बहनों के दर्शन के लिए उमड़ रही भीड़
Jagannath Puri ओडिशा में बड़ी ही धूमधाम के साथ मकर संक्रांति पर्व मनाया जा रहा है।इस पावन मौके पर शनिवार सुबह से ही मंदिर में भक्तों तांता लगा रहा। खासकर पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। पूरे ओडिशा में बड़ी ही धूमधाम के साथ मकर संक्रांति पर्व मनाया जा रहा है। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण ओडिशा तक, यह त्यौहार अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। ऐसे में शनिवार सुबह घर पर ठाकुर के पास मकर चावल चढ़ाने के साथ ही लोग विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं।
सुबह से लग रहा भक्तों का तांता
इस पावन मौके पर शनिवार सुबह से ही मंदिर में भक्तों तांता लगा रहा। खासकर पुरी जगन्नाथ मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिली है। पुरी जगन्नाथ मंदिर में आज विशेष नीति का पालन किया गया है। श्री विग्रहों की मंगल आरती एवं अवकाश आदि नीति सम्पन्न एवं दोपहर धूप के बाद भगवान की मकर नीति सम्पन्न की गई है। श्रीजीउ मकर चौराशी के लिबास में नजर आए।
महाबाहु के श्रीचरण में दुनिया का सबसे बड़ा पान चढ़ाने की रस्म निभाई गई। मयूरभंज जिले सामूहिक उत्सव के रूप मकर उत्सव मनाया गया है। मकर संक्रांति के मौके पर बालूगांव के प्रसिद्ध कालीजाई मंदिर में भी मकर मेले के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी है। घटगांव में मां तारिणी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। खुर्दा जिले के अत्री के हट्टकेसरा की प्रसिद्ध मकर यात्रा निकाली गई।
मंदिर में हो रहे विभिन्न कार्यक्रम
इसके साथ ही यहां मकर संक्रांति के मौके पर जगन्नाथ मंदिर में विशेष अनुष्ठान भी आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के अनुसार, पवित्र त्रिनिती के मध्यान धूप (मध्याह्न की पेशकश) के बाद सेवादार विशेष अनुष्ठान शुरू करेंगे और झाल ,शंख व मृदंग की थाप व शुभ ध्वनि के बीच विशेष प्रसाद के साथ मंदिर के चारों ओर एक जुलूस का आयोजन करेंगे। बाद में भक्तों को त्रिदेवों के 'मकर चौराशी बेशा' के दर्शन होंगे।
वहीं श्री मंदिर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मकर संक्रांति, जो ओड़िशा समेत बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश के साथ भारत के अन्य राज्यों में हर साल 14 जनवरी (लीप वर्ष के मामले में 15 जनवरी) को मनाई जाती है। वहीं तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, गुजरात में उत्तरायण के रूप में मनाई जाती है तो उत्तराखंड में घुघुती और असम में बिहू या माघ बिहू के रूप में मनाई जाती है।
बता दें कि मकर संक्रांति मकर राशी (मकर रेखा) में सूर्य के प्रवेश के पहले दिन को चिह्नित करती है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के बाद सर्दियों का मौसम समाप्त हो जाता है और लंबे दिन की शुरुआत हो जाती हैं।
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