NHRC ने केआईआईटी नेपाली छात्रा आत्महत्या मामले में ओडिशा के DGP और मुख्य सचिव को लिखा पत्र
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केआईआईटी में नेपाली छात्रा की आत्महत्या के मामले में ओडिशा के मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है। आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले NHRC ने केआईआईटी परिसर में हुई एक और छात्रा की मौत पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मामले को दबाने की कोशिश करने की बात कही थी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में मृत पाई गई नेपाली छात्रा के मुद्दे पर ओडिशा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा है।
इससे पहले, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा कि संगठन ने भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में एक नेपाली छात्र की मौत का संज्ञान लिया है।
उन्होंने कहा कि 1 मई की घटना को हमने संज्ञान लिया है, एक नोटिस जारी किया है और डीजीपी और मुख्य सचिव से एक रिपोर्ट मांगी है, जिसे 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाना है। रिपोर्ट आने के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हमारी टीम वहां जाएगी।
मुद्दे को दबाने की कोशिश
पिछली घटना, जहां केआईआईटी परिसर में एक और छात्रा मृत पाई गई थी पर बोलते हुए कानूनगो ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मुद्दे को दबाने की कोशिश की।
27 मार्च को, हमने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जब हमें एक नेपाली लड़की के आत्महत्या करने की यह जानकारी मिली, तो हमारी टीम वहां गई और जांच में यह सामने आया कि उस छात्रा का यौन उत्पीड़न किया गया था, अश्लील सामग्री फिल्माई गई थी और फिर उसे ब्लैकमेल किया गया था।
छात्रा ने कॉलेज प्रशासन से शिकायत की तो पुलिस को सूचना देने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन ने समझौता कर मुद्दे को दबाने का प्रयास किया। प्रथम दृष्टया, विश्वविद्यालय प्रशासन दोषी था, इसलिए हमने यूजीसी से सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा, क्योंकि वहां माहौल अनुकूल नहीं था।
मौतों की जांच करेगी समिति
इस घटना के जवाब में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुलपति नागेश्वर राव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय तथ्य-खोज समिति का गठन किया है, जो केआईआईटी में हाल ही में कथित आत्महत्या की मौतों की जांच करेगी।
समिति इन घटनाओं के आसपास की परिस्थितियों की जांच करेगी, छात्र कल्याण और सुरक्षा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेगी और ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी।
समिति में राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआईईपीए) की कुलपति शशिकला वंजारी, गया स्थित दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एचसीएस राठौर, समन्वय अधिकारी के रूप में यूजीसी की संयुक्त सचिव सुनीता सिवाच शामिल हैं।
इससे पहले फरवरी में प्रकृति लम्साल ने भी इसी विश्वविद्यालय में आत्महत्या कर ली थी।
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