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    Jagannath Rath Yatra 2024: भाई-बहन के साथ मौसी के घर पहुंचे भगवान जगन्नाथ, भक्तों को आज से मिलेगा आड़प दर्शन

    Updated: Wed, 10 Jul 2024 08:28 AM (IST)

    भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर पहुंच गए हैं। प्रभु जगन्नाथ मंगलवार को बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ जन्म वेदी में विराजमान हुए हैं। सबसे पहले मदन मोहन फिर रामकृष्ण श्री सुदर्शन को आड़प मंडप में लाया गया। इसके बाद बलभद्र देवी सुभद्रा और जगन्नाथ महाप्रभु को जन्म वेदी में विराजमान किया गया।

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    रथ पर विराजमान चतुर्धा विग्रहों का दर्शन करते भक्त।

    जागरण टीम, पुरी। पुरी शरधाबाली (गुंडिचा मंदिर के सामने) में भव्य रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ सहित सभी चतुर्धा विग्रहों के दर्शन कर भक्त भाव विभोर हो गए। प्रभु जगन्नाथ मंगलवार को बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ जन्म वेदी में विराजमान हुए हैं।

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    सबसे पहले मदन मोहन फिर रामकृष्ण, श्री सुदर्शन को पहंडी कर आड़प मंडप में लाया गया। इसके बाद बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा और अंत में श्री जगन्नाथ महाप्रभु को पहंडी कर जन्म वेदी में विराजमान किया गया।

    रथ के ऊपर जगत नियंता के दर्शन का मिला सौभाग्य 

    हालांकि, चतुर्धा विग्रह के आड़प मंडप में ले जाए जाने से पहले मंगलवार दोपहर तक भक्तों को रथ के ऊपर जगत नियंता का दर्शन करने का सौभाग्य मिला, इससे भक्तों में खुशी एवं आनंद का उल्लास देखने को मिला।

    इसके बाद महाप्रभु के आड़प मंडप में बिजे होने के बाद बुधवार से भक्तों को आड़प दर्शन मिलेगा। इसके साथ ही आड़प अभड़ा प्रसाद सेवन करने का भी अवसर मिलेगा।

    रविवार को कुछ दूर जाकर पुरी बड़दांड में रुक गए थे तीनों रथ

    गौरतलब है कि रथयात्रा में रविवार को कुछ दूर जाने के बाद पुरी बड़दांड में तीनों रथ रुक गए थे। शाम हो जाने से रथ खींचने की प्रक्रिया बंद कर दी गई।

    परिणाम स्वरूप प्रभु बलभद्र का तालध्वज रथ मरिचीकोट चौक एवं देवी सुभद्रा का दर्प दलन रथ श्रीकृष्ण सिनेमा चौक तथा जगन्नाथ महाप्रभु का नंदीघोष रथ सिंहद्वार से थोड़ी ही दूरी पर रुक गया था। रथ के ऊपर ही रात की रीति नीति संपन्न की गई।

    सोमवार को श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने पहुंचे श्री विग्रह

    सोमवार को रथ के ऊपर रीति नीति संपन्न होने के बाद तीनों रथों को खींचकर श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने शरधाबाली में लाया गया।

    तीन रथों पर विराजमान चतुर्धा विग्रह का लाखों की संख्या में भक्तों ने दर्शन किया। मंगलवार सुबह की नीति संपन्न होने के बाद चतुर्धा विग्रह को आड़प मंडप में बिजे किया गया है।

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