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    Odisha News: मयूरभंज जिले में कुर्मी जाति ने किया रेल रोको आंदोलन का आह्वान, आदिवासी दर्जा देने की कर रहे हैं मांग

    By Arijita SenEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2022 12:57 PM (IST)

    Odisha News कुर्मी समुदाय के लोगों ने आज रेल रोको आंदोलन के तहत ग्रीपोसी-भुवनेश्वर सुपरफास्ट एक्सप्रेस और बारीपदा-शालीमार कोलकाता ट्रेन को बारीपदा में रोक दिया है। ओडिशा के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी प्रदर्शन हो रहे हैं।

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    कुर्मी जाति के लोगों ने मयुरभंज जिले में रेल रोको आन्दोलन का किया आह्वान

    भुवनेश्वर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। कुर्मी जाति (Kurmi Caste) को आदिवासी के रूप में पुनः सूचीबद्ध करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने की मांग को लेकर गुरुवार को कुर्मी जाति के शताधिक लोगों ने बारीपदा के भंजपुर रेलवे स्टेशन के पास एवं मयूरभंज जिले (Mayurbhanj) में रेल रोको आन्दोलन (Rail Roko Movement) किया है। कुर्मी समुदाय के लोगों का कहना है कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हमें धोखा दे रही हैं। ये ज्यादा दिन नहीं चलेगा। आज हम विरोध में रेलवे को रोक रहे हैं। यदि आवश्यक हुआ तो हम आगे सब कुछ बंद कर देंगे।

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    आंदोलन से कई ट्रेनों की सेवा प्रभावित

    कुर्मी समुदाय के लोगों ने आन्दोलन करते हुए बांग्रीपोसी-भुवनेश्वर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Bangriposi–Bhubaneswar Superfast Express) और बारीपदा-शालीमार कोलकाता ट्रेन (Baripada-Shalimar  Kolkata Train) को बारीपदा में रोक दिया है। कुर्मी सेना, आदिवासी कुर्मी समाज और संयुक्त कुर्मी समाज जैसे संगठनों ने अलग-अलग जगहों पर रेलवे को जाम कर दिया है।

    मयूरभंज जिले के रायरंगपुर के अंला जोड़ी में भी रेल सेवा को ठप्‍प कर दिया गया है। इसका खामियाजा सैकड़ों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। इस मांग को लेकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुर्मी समुदाय के लोग अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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    कुर्मी समुदाय लंबे समय से कर रही है मांग

    जानकारी के अनुसार, शुरू-शुरू में कुर्मी समुदाय के लोगों को आदिवासी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। इस सूची से बाहर किए जाने के बाद उन्हें विभिन्न आरक्षण प्रणालियों से बाहर कर दिया गया है। इसके चलते कुर्मी समुदाय की ओर से लंबे समय से आदिवासी के रूप में पुन: सूचीबद्ध करने की मांग की जा रही है। लेकिन केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इनकी नहीं सुन रही हैं।

    आदिवासी कुर्मी समाज के महासचिव दोलगोबिंद महंत ने कहा है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा में 13 जातियों में से 12 जातियों को 1950 में आदिवासी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि कुर्मी जाति को इससे बाहर रखा गया था। इसके लिए हम 72 साल से मांग कर रहे हैं मगर हमारी मांग कोई नहीं सुन रहा है। राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हमसे किए गए अपने वादों से मुकरती रही हैं।

    आंदोलन अभी जारी रहेगा: कुर्मी समाज के महासचिव

    इसके अलावा, उन्होंने कहा है कि नवीन पटनायक ने 2004 में जशीपुर में कहा था कि वह केंद्र को कुर्मी जाति को आदिवासी के रूप में सूचीबद्ध करने की सिफारिश करेंगे। अब तक ऐसा नहीं हो सका। इसलिए अब जब तक सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं करती है, हमारा आन्दोलन जारी रहेगा।

    आगामी दिनों में हम रेलवे और हाईवे दोनों को ब्लॉक कर देंगे। जरूरत पड़ी तो आने वाले दिनों में हम सब कुछ बंद कर देंगे। राज्यसभा सदस्य ममता महंत ने कहा है कि हम आदिवासी सूची में कुर्मी जाति को सूचीबद्ध करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मैं इस दिशा में आवाज उठाऊंगा।

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