Odisha News: पत्नी को सामानों की तरह नहीं इस्तेमाल कर सकेगा पति, हाईकोर्ट ने लगाया 25 हजार का जुर्माना
पत्नी के लापता होने की झूठी शिकायत करने पर हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कि पत्नी कोई संपत्ति नहीं है। महिलाओं को अपने जीवन में निर्णय लेने का अधिकार है। जुर्माने की राशि सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों के कल्याण के लिए इस्तेमाल की जाएगी। अदालत ने झूठी शिकायत पर नाराजगी जताते हुए मामले को खारिज कर दिया।

संवाद सहयोगी, कटक। गुमशुदा व्यक्ति की खोज करने के लिए पुलिस अगर सटीक कदम नहीं उठा रहा है तो हाई कोर्ट में हेबियस कॉर्पस मामला किया जाता है। हाईकोर्ट अपने इस विशेष क्षमता के बल के द्वारा गुमशुदा व्यक्ति को खोज बाहर निकालने के लिए आवश्यक निर्देश देता है।
लेकिन एक व्यक्ति अपने पत्नी की गुमशुदा होने की बात को झूठे तौर पर दर्शाते हुए हेबियस कॉर्पस मामला दायर किया था।
जिसके कारण हाईकोर्ट ने काफी असंतोष जाहिर किया और उसके पिटीशन को रद्द करने के साथ-साथ आवेदनकारी तथा पति के ऊपर 25 हजार रुपये की जुर्माना लागू किया है।
बच्चों के कल्याण के लिए खर्च होगी जुर्माने की राशि
आवेदनकारी विक्रम कुमार यह रकम अगले दो सप्ताह के अंदर राज्य कानून सेवा प्राधिकरण के समक्ष दाखिल करेंगे। उस रकम को रास्ते के किनारे भीख मांगने वाले बच्चों के कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा।
इस मामले का विचार करने के मौके पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस एम एस रमण को लेकर गठित खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई के समय राज्य सरकार जवाब दाखिल करते हुए आवेदनकारी की पत्नी अपने मायके चली गई है और वहां पर रह रही है। यह बात अदालत को सरकारी वकील की ओर से अवगत कराया था।
पत्नी को सामान की भांति नहीं कर सकते इस्तेमाल- हाईकोर्ट
आवेदनकारी की तरफ से इस प्रकार का झूठा आरोप और उसकी विश्वास पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी को एक सामान की भांति पति इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
महिलाओं को निर्णय लेने का अधिकार
अपने जीवन के बारे में स्वतंत्र तौर पर निर्णय लेने की संपूर्ण अधिकार महिलाओं को भी है, यह बात अदालत ने कही है। आवेदनकारी विक्रम और उसकी पत्नी पूजा के बीच वाद विवाद था। जिसके बाद पत्नी बेटे के साथ अपने मायके चली गई थी।
यह जानने के बावजूद भी आवेदनकारी इसके बारे में थाने में शिकायत किया था। बाद में पुलिस घटना में कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह आरोप दर्शाते हुए अपने फायदे के लिए हाईकोर्ट में विक्रम ने यह हेबियस कॉर्पस मामला दायर किया था।
हालांकि, हकीकत में पुलिस इस आरोप को स्वीकार नहीं किया था। आवेदनकारी भी पुलिस निर्णय के खिलाफ आवश्यक कदम नहीं उठाया था।
आवेदनकारी की इस तरह के रवैया को देखकर हाईकोर्ट ने काफी असंतोष जाहिर करते हुए मामले को खारिज कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से यह मामला एजीए देवाशीष त्रिपाठी संचालन कर रहे थे।
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