DRDO ने ओडिशा तट पर किया सबसे कम दूरी वाले एयर डिफेंस सिस्टम का सफल ट्रायल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट से दूर चांदीपुर में बहुत कम दूरी वाली वायु रक्षा प्रणाली के क्रमिक उड़ान का एक फरवरी को सफल परीक्षण किया। परीक्षण केंद्र से लगातार एक ही मिसाइल का तीन-तीन बार परीक्षण किया है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO की इस उपलब्धि पर पूरी टीम को बधाई दी है।

लावा पांडे, बालेश्वर। मिसाइल के क्षेत्र में आज भारत पूरी दुनिया में मानो एक नया सूर्योदय बनकर उभरने लगा है। कई देश भारत से मिसाइल खरीदने के लिए व्याकुल हैं तो कुछ देश मिसाइल की टेक्नोलॉजी खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 1 फरवरी को ओडिशा तट से दूर चांदीपुर में बहुत कम दूरी वाली वायु रक्षा प्रणाली के क्रमिक उड़ान का सफल परीक्षण किया है।
स्वदेशी मिसाइलों का परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) आज जितनी भी मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है चाहे वह बैलिस्टिक सीरीज की मिसाइल हो या फिर क्रूज सीरीज की मिसाइल सभी मिसाइलों को संपूर्ण स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित किया जा रहे हैं।
अति लघु दूरी वाले एयर डिफेंस सिस्टम का ट्रॉयल
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इसी कड़ी के तहत डीआरडीओ ने बालेश्वर शहर से मात्र 12 किलोमीटर दूर पर स्थित चांदीपुर नामक स्थान के आईटीआर परीक्षण केंद्र से लगातार एक ही मिसाइल का तीन-तीन बार परीक्षण किया है।
चांदीपुर से वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) की लगातार तीन उड़ान परीक्षण संपूर्ण सफल रहे तथा वह अपने निशाने को ध्वस्त करने में पूरी तरह से कामयाब रहे हैं।
यह परीक्षण बहुत कम ऊंचाई पर उड़ने वाले उच्च गति वाले लक्ष्यों के खिलाफ किए गए थे। तीन उड़ान परीक्षणों के दौरान मिसाइलों ने अलग-अलग उड़ान स्थितियों में कम उड़ान वाले ड्रोन की नकल करते हुए कम थर्मल सिग्नेचर वाले लक्ष्यों को रोका और पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
उड़ान परीक्षण अंतिम तैनाती विन्यास में किए गए, यहां दो फील्ड ऑपरेटर ने हथियार की तैयारी लक्ष्य प्राप्ति और मिसाइल फायरिंग की। आज यदि यह कहा जाए की मिसाइल के क्षेत्र में भारत विश्व के बाजार में अपने आप का लोहा साबित करने में लगा है तो शायद कम नहीं होगा।
कोरोना काल में भी नहीं थमी थी मिसाइलों की सांसे
करोना काल में भी भारत ने ताबड़तोड़ बैलिस्टिक और क्रूज सीरीज की मिसाइल का परीक्षण करके मिसाइल के क्षेत्र में अपने आप का एक भिन्न परिचय विश्व के मानचित्र में स्थापित करने में कामयाब रहा था। यह मिसाइल प्रणाली कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के किसी भी ड्रोन को सटीक तरीके से नष्ट करने में संपूर्ण तौर पर कामयाब होंगे।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
यह देश के और सिस्टम डिफेंस को और मजबूत बनाने की दिशा में एक नया कदम बताया जा रहा है। इस परीक्षण को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे एक डीआरडीओ की अति महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।
उन्होंने परीक्षण करने वाले सशस्त्र बल को बधाई दिया है। इसके साथ ही डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर भी कामत ने भी लगातार एक ही मिसाइल का तीन-तीन बार सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए पूरी DRDO टीम को बधाई का पात्र बताया है।

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