बेटे के सामने पिता को घसीटकर नदी में ले गया मगरमच्छ, आदमखोर ने ढाई महीने में ली पांच लोगों की जान
Odisha के केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिले में इन दिनों मगरमच्छ का आतंक बरकरार है। इस दरमियान अभय राउत (60) नाम का एक और शख्स मगरमच्छ के हमले का शिकार हो गया है। उसे उसके बेटे के सामने ही मगरमच्छ पानी के अंदर ले चला गया। हालांकि बेटे ने इस दौरान अपने पिता को बचाने की खूब कोशिश की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुुआ।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में लगातार हो रहे मगरमच्छ के हमलों से लोगों में दहशत का माहौल है। यहां नदी किनारे जाते ही मगरमच्छ का शिकार होना अब एक बात हो गई है। इसी तरह की एक और घटना सामने आई है, जिसमें एक मगरमच्छ बेटे के सामने ही उसके पिता को घसीटते हुए पानी के अंदर ले चला गया।
बेटे के हमले का मगरमच्छ पर नहीं कोई असर
पिता को बचाने के लिए बेटे ने मगरमच्छ पर हमला किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। राजनगर प्रखंड के राजपुर पंचायत के राजपुर गांव निवासी अभय राउत (60) भैंस पालकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनके घर से बमुश्किल 150 फीट की दूरी पर ब्राह्मणी नदी बहती है।
वह नदी के दूसरी तरफ खेत में अपने भैंसों को रखे हुए थे। रात के करीब 10 बजे अभय खाना खाकर नाव से नदी की दूसरी तरफ चले गए थे। नाव में उनके सबसे बड़े बेटे अनिल और गांव के विभूति स्वांई थे।
नदी किनारे पैर रखते ही मगरमच्छ झपटा
नदी पार पहुंचने के बाद अभय पहले नाव से उतरे और नदी के किनारे पैर धोए। इसी दौरान अचानक एक विशाल मगरमच्छ ने अभय पर हमला कर दिया।
अभय की चीख सुनकर नाव पर सवार बेटे अनिल ने नाव के पतवार से मगरमच्छ को पीटना शुरू कर दिया। पतवार टूट गई और मगरमच्छ कुछ समय के लिए अभय को छोड़ दिया, लेकिन अगले ही पल उसने उस पर फिर हमला किया और अभय को नदी में खींच ले गया।
उनकी चीख-पुकार सुनकर नदी पार के ग्रामीणों ने नाव की मदद से तलाशी शुरू की। राजनगर रेंज अधिकारी चितरंजन बेउरा के नेतृत्व में वन विभाग और फायर ब्रिगेड की एक टीम मौके पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया। मगरमच्छ द्वारा खींचे जाने के तुरंत बाद अभय की तलाश जारी थी, वहीं नदी में मगरमच्छ के तैरने की घटना से लोगों में दहशत फैल गई।
गांव में लोगों के मन में दहशत
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे नदी के रास्ते अक्सर आना-जाना करते हैं। चूंकि गांव नदी किनारे स्थित है, इसलिए नदी का ज्वार घर तक पहुंचता है। ऐसे में इस घटना ने उनके मन में डर पैदा कर दिया है।
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छ बारिश के मौसम में ज्वार के दौरान छोर पर काफी आगे तक आ जाते हैं। पिछले ढाई महीने में केंद्रपाड़ा और जाजपुर में पांच लोगों की जान जा चुकी है।
वन विभाग लोगों को नदी के किनारे न जाने के लिए माइक के जरिए प्रचार करने के साथ ही नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक कर रहा है।
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