Move to Jagran APP

लाओस में पीएम मोदी से मिले ओबामा, कहा मिशेल के साथ ताजमहल देखने आऊंगा

आसियान सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अमेरिका के राष्ट्रपति मिले और ताजमहल देखने के लिए मिशेल के साथ भारत आने की अपनी इच्छा जताई।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2016 05:33 AM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2016 04:36 PM (IST)
लाओस में पीएम मोदी से मिले ओबामा, कहा मिशेल के साथ ताजमहल देखने आऊंगा

लाओस, एएनआई। ईस्ट एशिया सम्मिट से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी के राष्ट्रपति बराक ओबामा का गुरुवार को मुलाकात हुई। ओबामा और मोदी की दो वर्ष के अंदर यह आठवीं मुलाकात थी।

loksabha election banner

दोनों नेताओं ने इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान भारत-अमेरिका के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग, सौर ऊर्जा और अन्वेषण के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ओबामा से उनके कार्यकाल खत्म होने पर भारत आने को कहा। जिसके बाद ओबामा ने कहा कि वह मिशेल के साथ जरूरत भारत ताजमहल देखने आएंगे।

पहली बार वर्ष 2014 में हुई थी मोदी-ओबामा मुलाकात

दोनों नेता पहली बार सितंबर 2014 में तब मिले थे जब ओबामा के न्योते पर मोदी वॉशिंगटन डीसी गए थे। बीते रविवार को चीन के हांगझाउ में जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने ओबामा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में ओबामा ने एक मुश्किल वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में जीएसटी सुधार पर साहसिक नीतिगत कदम उठाने के लिए भारत की तारीफ की थी।

EAS में बोले पीएम मोदी, एशिया की सदी बनाने के लिए आगे आएंं सभी देश

एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत

इससे पहले अमेरीकी राष्ट्रपति बराक अोबामा ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत करते हुए कहा है कि ‘राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों’ से निपटने के लिए वह क्षेत्र के दूसरे देशों के साथ मिल कर काम करेगा। लाओस में कल अपने प्रमुख नीतिगत भाषण में ओबामा ने कहा कि भारत के साथ हमने हर क्षेत्र में संबंधों को नई ऊंचाइयां दी हैं और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हम भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत करते हैं।

लाओस जाने वाले यूएस के पहले राष्ट्रपति हैं आेबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह पहला लाओस दौरा है। ओबामा ने कहा कि शांति कायम रखने और आक्रामकता दूर करने के लिए अमेरिका ने अपनी अतिरिक्त आधुनिक सैन्य क्षमताएं क्षेत्र में तैनात की है। इसमें सिंगापुर में पोत और विमान तैनात करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दशक के अंत तक हमारी नौसेना और वायुसेना के ज्यादातर बेड़े प्रशांत क्षेत्र से बाहर की ओर आधारित होंगे। हमारे सहयोगी और साझेदार एक दूसरे के साथ और ज्यादा सहयोग कर रहे हैं। इसलिए एशिया प्रशांत में हमारे संबंध और रक्षा क्षमताएं पहले की तरह ही मजबूत हैं।

उभरती शक्तियों के साथ मजबूत संबंध

ओबामा ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं और उभरती शक्तियों के साथ हमने और गहरे संबंध बनाए हैं। इंडोनेशिया और मलेशिया के साथ हम उद्यमिता को बढ़ावा दे रहे हैं। हम हिसंक कट्टरता का विरोध कर रहे हैं और पर्यावरण की खराब होती हालत की ओर ध्यान दे रहे हैं। ओबामा ने कहा कि हनोई और हो ची मिन्ह सिटी के अपने हाल के दौरे में हमने वियतनाम के साथ अपने संबंधों को पूरी तरह सामान्य करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। ओबामा ने कहा कि क्षेत्रीय संस्थानों के साथ हमने सहयोग और गहरा किया है, खासकर दक्षिणपूर्वी एशिया में।

पढ़ेंः जानिए, अलगाववादियों पर सालाना करोड़ों रुपये किस तरह खर्च करती है सरकार

महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों पर सहमति

आसियान के साथ नई रणनीतिक साझेदारी के तहत महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों पर हमारी सहमति बनी है, उसमें आसियान के केंद्र में एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति बनाए रखना शामिल है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब पूर्वी एशिया सम्मेलन का हिस्सा है और क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा समेत तमाम सुरक्षा संबंधी और राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए हमने मिल कर इसे क्षेत्र का अग्रणी मंच बनाया है।

पढ़ेंः चीन के बाद आसियान में भी आतंक के खिलाफ जारी रहेगी पीएम मोदी की मुहिम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.