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    भारत-अमरीका-जापान के संयुक्त मालाबार अभ्यास को चीन ने बताया खतरा

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Tue, 27 Dec 2016 10:31 PM (IST)

    भारत और अमेरिका ने 1992 में हिंद महासागर में मालाबार नौसेना अभ्यास की शुरुआत की थी।

    बीजिंग, प्रेट्र : भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना के संयुक्त अभ्यास 'मालाबार' को चीन ने अपने लिए खतरा बताया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को कहा कि पूर्व एवं दक्षिण चीन सागर में चीनी पनडुब्बी गतिविधियों को निशाना बनाने और एशिया प्रशांत में दोबारा से संतुलन बनाने की अमेरिकी रणनीति के इरादे से यह संयुक्त अभ्यास आयोजित किया जा रहा है।

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    अखबार ने कहा है कि अपना दबदबा बनाने और एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ही भारत और जापान को अमेरिका एक साथ लाया है। इसका मकसद दक्षिण चीन सागर से चीन का ध्यान भटकाना है। अखबार ने अपने दावे के समर्थन में अमेरिका के सातवें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल जोसफ पी एकॉइन के बयान का उल्लेख किया है। एकॉइन ने हाल के भारत दौरे के दौरान कहा था कि अभ्यास का अगला चरण पनडुब्बी रोधक युद्धक (एंटी-सबमरीन वारफेयर) पर केंद्रित होगा।

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    गौरतलब है कि भारत और अमेरिका ने 1992 में हिंद महासागर में मालाबार नौसेना अभ्यास की शुरुआत की थी। 2007 में जापान भी इसमें शामिल हो गया। इसके बाद से यह अभ्यास हिंद महासागर के साथ-साथ पश्चिम प्रशांत में भी होने लगा। इस साल जून में तीनों देशों की नौसेना ने अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास किया था। इसमें 11 हजार जलपोत और आठ हजार नौसैनिकों ने भाग लिया था।

    चीनी अखबार ने कहा है कि जापान पूर्वी चीन सागर में चीन के साथ विवाद के मद़्देनजर अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना चाहता है। यही कारण है कि वह इस अभ्यास का स्थायी भागीदार बनना चाहता है। वहीं, भारत पनडुब्बी रोधक क्षमता बढ़ाना चाहता है। भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में चीन की कम से कम छह पनडुब्बियों का पता लगाया है। इसमें से एक पिछले चार साल से कराची के आसपास घूम रहा है। अखबार ने कहा है कि इसके अलावा पूर्वी चीन सागर में चीन की सैन्य तैनाती को भी भारत अभ्यास से बाधित करना चाहता है।

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