अमेरिका में भारतीयों को कड़े इमीग्रेशन जांच से नहीं गुजरना होगा
अमेरिका जाने वाले वीआइपी भारतीयों को सुरक्षा जांच के कड़े मापदंडों से नहीं गुजरना पड़ेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब अमेरिका जाने वाले वीआइपी भारतीयों को सुरक्षा जांच के कड़े मापदंडों से नहीं गुजरना पड़ेगा। अमेरिका अब भारतीयों के विशेष दर्जा देने पर सहमत हो गया है, इसके तहत प्रमुख भारतीयों को इमीग्रेशन के दौरान विशेष बूथ पर जाना होगा।
जुलाई में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में अमेरिका में होने जा रहे होमलैंड सिक्यूरिटी की वार्ता के दौरान इसपर मुहर लग जाएगी। इसके साथ ही अमेरिका और भारत अब आतंकियों की रियल टाइम सूचना का आदान-प्रदान भी शुरू करने जा रहे हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह के नेतृत्व में गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों प्रतिनिधिमंडल अमेरिका होमलैंड सिक्यूरिटी वार्ता के लिए जा रहा है। इस दौरान भारत के वीआइपी लोगों को इमीग्रेशन में विशेष दर्जा देने के समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। अभी तक अमेरिका ने यह दर्जा केवल सात देशों के नागरिकों को दे रखा है। भारत अब आठवां देश हो जाएगा।
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इसके तहत भारत अपने प्रमुख उद्योगपतियों, पूर्व मंत्रियों, अभिनेताओं व अन्य व्यक्तियों की सूची अमेरिका को सौंपेगा। इस सूची में शामिल व्यक्तियों को अमेरिका जाने पर कड़े इमीग्रेशन चेक से नहीं गुजरना होगा। उनके लिए अलग से बूथ बने होंगे। जहां दस्तावेजों की सामान्य जांच के बाद उन्हें जाने दिया जाएगा।
इसके साथ ही राजनाथ सिंह के दौरे में अमेरिका से आतंकियों के बारे में रियल टाइम सूचना के आदान प्रदान पर समझौते की भी उम्मीद है। पिछले एक साल की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बन गई है। इसके तहत अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ और भारतीय एजेंसी खुफिया ब्यूरो (आइबी) एक-दूसरे के नेटवर्क पर उपलब्ध आतंकियों की सूचना का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
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