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    पाकिस्‍तान से आतंकवाद को खत्‍म करके रहेंगे: शरीफ

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Wed, 17 Dec 2014 03:33 PM (IST)

    पाकिस्तान में आर्मी स्‍कूल पर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें हालात की समीक्षा की गई। बैठक के बाद शरीफ ने प्रेस वार्ता मे कहा कि इस मुल्‍क ने दहशतगर्दी के खिलाफ कई कुर्बानियां दी हैं और ये कुर्बानियां बेकार नहीं जाएंगी।

    पेशावर। पाकिस्तान में आर्मी स्कूल पर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें हालात की समीक्षा की गई। बैठक के बाद शरीफ ने प्रेस वार्ता मे कहा कि इस मुल्क ने दहशतगर्दी के खिलाफ कई कुर्बानियां दी हैं और ये कुर्बानियां बेकार नहीं जाएंगी। हम अपने मुल्क से दहशतगर्दी को पूरी तरह खत्म करके दम लेंगे।

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    पीएम शरीफ ने कहा कि मुल्क में आतंकी हमले में हजारों जानें गईं। लोगों ने इसका डटकर मुकाबला किया है। कल जो पेशावर में हुआ है उससे बड़ा मातम नहीं हो सकता। सेना उस मंजर को देखकर आगे कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि वजीरिस्तान में सेना ने अच्छा काम किया है और यहां तालिबान के खिलाफ ऑपरेशन आगे भी जारी रहेगा।

    उन्होंने अफगानिस्तान से भी तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की। इसके साथ ही शरीफ ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ तेजी लाई जाएगी। उन्होंने सेना प्रमुख के सुझाव पर पाकिस्तान में मौत की सजा पर रोक हटाने का भी एलान किया।

    इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी आज राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में पेशावर के हालात पर चर्चा होगी। इस बैठक में उपराष्ट्रपति जो बिडेन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसान राइस और एफबीआइ व सीआइए सहित विभिन्न खुफिया एजेंसिंयों के प्रमुख मौजूद थे।

    कक्षाओं में जाकर की फायरिंग

    पेशावर की वारसाक रोड पर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में मंगलवार की सुबह स्थानीय समय के अनुसार दस बजे अरबी बोलने वाले छह फिदायीन घुसे। अर्धसैनिक बल फ्रंटियर फोर्स की वर्दी पहने इन आतंकियों के पास बड़े पैमाने पर हथियार और बम थे। स्कूल के पीछे स्थित कब्रिस्तान के रास्ते घुसे इन हमलावरों ने पांच-छह साल से लेकर 13-14 साल तक के छात्रों पर अंधाधुंध फायरिंग की। हर कक्षा में जाकर छात्रों को निशाना बनाया। मानव ढाल बनाने के लिए सैकड़ों बच्चों और अध्यापकों को घंटों बंधक रखा

    आठ घंटे चली मुठभेड़ खत्म

    पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिम बाजवा ने बताया कि हमले के समय स्कूल में 1100 बच्चे और कर्मचारी मौजूद थे। इनमें 950 से अधिक को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। आतंकी हमले में कुल 147 जानें गई हैं जिनमें 138 स्कूली बच्चे, नौ स्कूल के कर्मचारी और छह आतंकी शामिल हैं। हमले में 130 लोग घायल हुए। आत्मघाती दस्ते में चार आतंकियों के विस्फोट से स्कूल का एक हिस्सा ही ढह गया। आतंकियों से पाकिस्तानी फौज की आठ घंटे चली मुठभेड़ खत्म हो गई। मुठभेड़ खत्म होने से पहले तक स्कूल के प्रिंसिपल समेत 20 शिक्षक और 34 छात्र बंधक थे जिन्हें छुड़ा लिया गया।

    सेना का बदला बच्चों से लिया

    आतंकी गुट तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता मुहम्मद उमर खोरासानी ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि पेशावर के करीब स्थित उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी फौज की कार्रवाई का बदला लेने को आर्मी स्कूल पर हमला किया। वह चाहते हैं कि पाकिस्तानी फौज उनका दर्द महसूस करे।

    हमला कायराना हरकत: नवाज शरीफ

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आर्मी स्कूल पर आतंकी हमले को बहुत ही कायराना हरकत करार दिया। उन्होंने कहा कि इस भयानक घटना के बावजूद उनकी सरकार तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रखेगी। हमले के बाद पेशावर पहुंचे शरीफ ने कहा कि ऑपरेशन जर्ब ए अज्ब पाकिस्तान से आतंकवाद को समूचा उखाड़ फेंकने तक जारी रहेगा।

    रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्कूल से बाहर आए एक छात्र ने बताया कि हमले के वक्त अधिकांश बच्चे ऑडिटोरियम में थे। स्कूल में परीक्षा भी चल रही थी। उसने बताया कि कैंटिन की ओर से पांच छह लोग आते दिखे। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।

    आतंकी एक-एक कक्षा में गए और बच्चों को मारते चले गए। बच्चों ने बताया कि जैसे ही आतंकी घुसे शिक्षक ने हमें सिर नीचे करने को कहा। फिर सेना आई और हम भागे। बाहर निकले तो गलियारे में बच्चे और टीचर घायल पड़े थे।

    कहीं हमला इसलिए तो नहीं!

    1. पेशावर के आर्मी स्कूल को निशाना इसलिए भी बनाया गया चूंकि यहीं से पढ़ कर निकले छात्र वेस्ट वजीरिस्तान में सैन्य अभियान चला रहे हैं।

    2. माना जाता है कि इस स्कूल के अध्यापकों की रणनीति के चलते ही करीब के वजीरिस्तान में सैन्य अभियान को सफलता मिली।

    3. आर्मी स्कूल को नेस्तनाबूत करके पेशावर के सैन्य अभियान को दूरगामी आघात पहुंचेगा।

    4. हमले की वजह मलाला यूसुफजई भी हो सकती हैं। शिक्षा के प्रसार पर गोली खा चुकी मलाला को जब शांति का नोबेल मिला तो तालिबान ने आतंकी हमले की धमकी दी थी। ताकि शिक्षा पर विरोध दर्ज हो।

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