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    जानें, नोटबंदी के 50 दिनों में किसको क्या मिला और आगे कैसी होगी राह

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Thu, 29 Dec 2016 12:26 PM (IST)

    नोटबंदी के फैसले पर जहां एक तरफ सत्ता पक्ष अपनी पीठ थपथपा रहा है, वहीं विपक्ष का कहना है कि स्वतंत्र भारत का ये सबसे बड़ा घोटाला है।

    नई दिल्ली(जेएनएन)। 8 नवंबर 2016 को पीएम ने जब अपने संबोधन में ये ऐलान किया कि 500-1000 के नोट अब वैध नहीं होंगे तो देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिक्रियाएं आने लगीं। सत्ता पक्ष ने इसे भारत के आर्थिक चेहरे को बदलने वाला बताया तो विपक्ष ने कहा कि इसमें नया क्या है, पहले भी इस तरह के कदम उठाए गए हैं। पीएम ने राष्ट्र संबोधन के वक्त ये कहा कि इस फैसले से कुछ दिनों (50 दिन) की परेशानी होगी लेकिन ये एक कड़वी दवा है जो भारत की आर्थिक सेहत के लिए जरूरी है।

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    नोटबंदी के ऐलान के बाद जब बैंक खुले तो नजारा कुछ और ही था। बैंकों और एटीएम के बाहर कतारें लग गईं, बड़ी संख्या में एक जगह इकठ्ठा होने से ऐसा लगने लगा कि पूरा भारत कतारों में खड़ा हो गया है। नोटबंदी के 50 दिनों में जहां एक तरफ आम लोग काले धन के खिलाफ लड़ाई में कतारों में खड़े थे, तो वहीं काले धन के कुबेर एक बार फिर काली करतूत में व्यस्त हो गए। सरकार का डंडा चला और चल भी रहा है। आम लोगों को सुनहरे भविष्य का इंतजार है। लेकिन एक सच ये भी है कि बैंकों और एटीएम से नकद निकासी के लिए जद्दोजहद बरकरार है।

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    50 दिन में 60 नियम

    नोटबंदी की घोषणा के बाद आम जनता को राहत देने के लिए अब तक करीब 60 बार नियमों में बदलाव किया गया है। सरकार के इन फैसलों पर विपक्ष ने कहा कि नोटबंदी अब सरकार के गले की हड्डी बन चुकी है। मोदी सरकार को ये समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए। लेकिन सत्ता पक्ष का कहना है कि जब जैसी जरूरत महसूस की हुई सरकार ने आम लोगों के हित में फैसले किए।

    नोटबंदी पर संसद में संग्राम

    नोटबंदी के फैसले के बाद ही संसद के शीतकालीन सत्र की पटकथा तैयार हो चुकी थी। विपक्षी दलों ने ये साफ कर दिया की वो जनविरोधी फैसले का हिस्सेदार नहीं बन सकते हैं। हर एक दिन संसद में एक ही नजारा हंगामा, हंगामा और सिर्फ देखने को मिला। संसद के बाहर

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    नये नोट जारी

    नोटबंदी की घोषणा के बाद 10 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच 4.61 लाख करोड़ रुपये की कीमत के 21.8 अरब नोट बैंकों और एटीएम से जारी किए गए।

    अघोषित आय जब्त

    9 नवंबर से 20 के बीच आयकर विभाग ने 3300 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी। इस दौरान 92 करोड़ रुपये के पुराने 500 और 2000 के नए नोट बरामद हुए।

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    हवाला कारोबार और जुर्म में कमी

    दिल्ली, मुबंई, जयपुर और अहमदाबाद में हवाला कारोबार में 80 फीसदी की कमी आई। जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आई।

    100 लोगों के खिलाफ एफआईआर

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयकर अधिकारी युवराज सिंह ने इस मामले में 100 लोगों के खिलाफ शहर की हजरतगंज कोतवाली में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस खुलासे के बाद आयकर विभाग में भी हड़कंप मच गया। अब इस मामले में बैंककर्मियों, आयकर अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। एफआईआर में आयकर अधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि जालसाजों ने उनके आरएसए टोकन व पासवर्ड का दुरुपयोग कर सरकारी धन हड़पा है।

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    दरअसल आयकर अधिकारी ने बताया कि वे अपने कामों में व्यस्त रहते हैं, जिसकी वजह से उनके स्टाफ के ही राकेश सिंह व आनंद कनौजिया उनके आरएसए टोकन व पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। एक महिला की शिकायत पर आयकर विभाग ने जांच की तो पता चला कि दो-चार नहीं बल्कि 100 से ज्यादा लोगों के फर्जी रिटर्न दाखिल कर करोड़ों रुपयों का रिफंड हड़प लिया गया है। पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज करके जालसाजी धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा करने वालों की तलाश शुरू कर दी है।

    एक-एक खाते में लाखों का रिटर्न लिया गया

    आयकर अधिकारी का कहना है कि त्रिमूर्ति ग्राम कल्याणपुर निवासी ममता ओझा ने 31 अगस्त को शिकायत की थी कि किसी ने उनके नाम पर वित्त वर्ष 2013-14 व 2014-15 में फर्जी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करके रिफंड ले लिया है। उनकी शिकायत पर आयकर विभाग ने जांच की तो पता चला कि जालसाजों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की यूपीएसटीसी टेढी कोठी शाखा में फर्जी फोटो और दस्तावेजों के साथ ममता के नाम से बैंक खाता खोला गया था और रिफंड के तौर पर दोनों साल 1,11,750 और 1,06,180 रुपये इस खाते में प्राप्त कर लिए।

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    नोटबंदी के बाद अब क्या होगा ?

    - तय समयसीमा के बाद 500-1000 के पुराने नोट रखने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकती है। 31 मार्च 2017 के बाद जिन लोगों के पास पुराने नोट मिलेंगे उन्हें 10 हजार रुपया जुर्माना या जितनी मात्रा में कैश मिलेगा उसका पांच गुना फाइन देना होगा।

    - रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चुनिंदा काउंटरों पर पुराने नोटों को 31 मार्च 2017 से पहले जमा कराया जा सकता है। पुराने नोटों को जमा कराने के लिए एक शपथ पत्र भी भरना होगा। अगर कोई शख्स शपथ पत्र में गलत जानकारी देता है तो उसके ऊपर 5000 या जितनी रकम जमा करेगा उसका पांच गुना फाइन देना होगा। इस संबंध में सरकार द्वारा स्वीकृत अध्यादेश में जिक्र है, हालांकि अध्यादेश को अभी राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी है।

    - अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट ने सहमति दे दी है। लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि 31 दिसंबर से 31 मार्च के बीच पुराने नोटों को जमा करने पर फाइन देना होगा, या 31 मार्च 2017 के बाद जमा पुराने नोटों पर जुर्माना देना होगा।

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    - काले धन को रखने वालों को सरकार ने एक नई योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना चलाई है। ये योजना 17 दिसंबर से लेकर 31 मार्च तक खुली हुूई है। इस योजना में करीब 73 फीसद जुर्माने के साथ कोई भी शख्स काले धन से मुक्ति पा सकता है। ऐसा नहीं करने पर 77.25 फीसद की पेनल्टी लगाई जाएगी।

    - ऐसे लोग जिनके ऊपर फेमा, मनी लॉन्ड्रिंग या किसी तरह के आर्थिक अपराध के मामले चल रहे हैं उन्हें ये छूट नहीं मिलेगी।

    - आने वाले दिनों में सरकार बेनामी संपत्ति पर लगाम लगाने की घोषणा कर सकती है।

    -काले धन के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग blackmoneyinfo@incometax.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

    -आयकर विभाग बड़े लेनदेन में शामिल करीब 65 लाख लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। करीब 3,589 लोगों को इस संबंध में नोटिस भेज चुका है।

    -कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार आम लोगों को जागरूक कर रही है। इसके लिए टीवी चैनल, अखबार वेबसाइट्स, सोशल साइट्स के साथ-साथ टोल फ्री नंबर 14444 की मदद ली जा रही है।

    - कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए लकी ड्रा निकाले जा रहे हैं। व्यापारियों के लिए डिजी धन योजना और आम लोगों के लिए लकी ग्राहक योजना चलाई जा रही है। इन योजनाओं को 14 अप्रैल 2017 तक चलाया जाएगा, फिर समीक्षा के बाद इन योजनाओं को जारी रखने पर विचार होगा।

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