V. K. Sasikala: कोर्ट में पेश न होने पर वी. के. शशिकला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, ये हैं आरोप
V. K. Sasikala शशिकला और इलावरासी को एक विशेष अदालत ने जयललिता और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था और चार साल यहां केंद्रीय कारागार में बिताए थे। इस दौरान उन पर जेल अधिकारियों को विशेषाधिकार प्राप्त करने और दोषियों को नहीं दिए जाने वाले विशेष उपचार के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था।
बेंगलुरु, एजेंसी। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की विश्वासपात्र वी के शशिकला के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया गया है। यह फैसला राज्य के एक लोकायुक्त विशेष अदालत ने लिया। वी के शशिकला एक मामले में सुनवाई का सामना करने के लिए अदालत में पेश होने में विफल रहीं। बेंगलुरु के एक जेल में कैद के दौरान उन्हें कथित तौर पर "वीआईपी ट्रीटमेंट" दिया गया था। साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराई गईं शशिकला को शहर के परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में रखा गया था।
अदालत ने एक अन्य आरोपी शशिकला की भाभी इलावरासी को भी एनबीडब्ल्यू जारी किया। अदालत द्वारा सोमवार को सुनवाई 5 अक्टूबर तक स्थगित करने से पहले पूर्व अन्नाद्रमुक नेता को जमानत देने वाले दो व्यक्तियों को भी नोटिस जारी किया गया था।
शशिकला और इलावरासी को एक विशेष अदालत ने जयललिता और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था और चार साल यहां केंद्रीय जेल में बिताए थे। इस दौरान, उन पर जेल अधिकारियों को विशेषाधिकार प्राप्त करने और दोषियों को नहीं दिए जाने वाले विशेष उपचार के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था।
जेल के तीनों अधिकारियों के खिलाफ मामला हुआ था रद्द
इस साल मई में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शशिकला के साथ तीन आरोपी जेल अधिकारियों - कृष्ण कुमार, (तत्कालीन मुख्य जेल अधीक्षक) डॉ. अनिता (तत्कालीन सहायक जेल अधीक्षक) और गजराजा मकनूर (तत्कालीन पुलिस उप-निरीक्षक) के खिलाफ मामला रद्द कर दिया था।
इन तीनों पर 15 फरवरी 2017 को जेल जाने के बाद से ही शशिकला को सुविधाएं मुहैया कराने का आरोप था शशिकला ने अपने खिलाफ मामले को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है।
हालांकि, HC ने लोकायुक्त अदालत में उनके खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया है। इसके बावजूद, शशिकला सोमवार को होने वाली सुनवाई के लिए विशेष अदालत में उपस्थित नहीं हुईं। उनकी बार-बार अनुपस्थिति को देखते हुए कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया।
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