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    महिला आरक्षण विधेयक पर केंद्र सरकार के समर्थन में आए शरद पवार, बोले- बीजेपी बिल का सपोर्ट करेगी तो...

    By Shalini KumariEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 01:55 PM (IST)

    महिला संरक्षण बिल को लेकर चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। दरअसल राज्यसभा में पारित हो चुका यह बिल एक बार फिर लोकसभा में पेश किया जाएगा। हालांकि इसको लेकर एनसीपी नेता शरद पवार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुझे नहीं लगता कि भाजपा इस बिल को प्राथमिकता देगी और संसद के विशेष सत्र में पेश करेगी।

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    महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई तेज

    नई दिल्ली, एजेंसी। महिला आरक्षण बिल (Women's Reservation Bill) को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। दरअसल, उपराष्ट्रपति के महिला आरक्षण बिल को लेकर आए बयान के बाद से इसे लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। इसी बीच, कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

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    एनसीपी नेता शरद पवार (NCP Leader Sharad Pawar) ने कहा कि अगर भाजपा इस बिल पर समर्थन देगी, तो हम निश्चित रूप से इसका समर्थन करेंगे। हालांकि, इसको लेकर उन्होंने भाजपा पर निशाना भी साधा है।

    एनसीपी नेता ने जताई आशंका

    संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) पारित करने के बीआरएस एमएलसी के कविता के अनुरोध पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा

    संसद में महिला आरक्षण देने की आवश्यकता है और इसके लिए क्या किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा किया जा सकता है, लेकिन इसे पहले संसद में स्वीकार किया जाना चाहिए। अगर बीजेपी इस बिल का समर्थन करेगी, तो हम निश्चित रूप से इसका समर्थन करेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि बीजेपी इस बिल को प्राथमिकता नहीं देगी। यह संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र में नहीं आएगा और अगर आएगा तो हम इसका समर्थन करेंगे।

    यह भी पढ़ें: Women's Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में BRS, के कविता ने लिखी 47 दलों को चिट्ठी

    कुछ लोगों के लिए यह सिर्फ एक नारा 

    तमिलनाडु के विरुधुनगर के कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने भी महिला आरक्षण बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अगर संसद में इस विधेयक को लेकर आएगी, तो कांग्रेस और INDIA गठबंधन इसे स्वीकार करेगी। उन्होंने कहा

    जिस तरह से तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (BRS) तेलंगाना में हारने वाली है, तेलंगाना की बहनें और माताएं बहुत बड़े पैमाने पर हराने जा रही हैं, इसलिए के कविता ने अब महिला आरक्षण नाम का हथियार उठाया है। उनके जैसे नेताओं के लिए यह सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है। हम जानते हैं कि कविता और उनके पिता केसीआर ने राजनीतिक संरक्षण में महिलाओं का इस्तेमाल किया था।"

    उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी ने हमेशा महिला आरक्षण के लिए आवाज उठाई है और यूपीए कार्यकाल के दौरान इसे राज्यसभा में पारित किया गया था। हम इसे लोकसभा में पारित नहीं कर सके, क्योंकि हमारे पास बहुमत नहीं थी, जब भी भाजपा संसद में विधेयक लाएगी, तो कांग्रेस और भारतीय गुट इसे खुशी से स्वीकार करेंगे।"

    लोकतंत्र को मजबूत करेगा बिल

    महिला आरक्षण बिल पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि महिला आरक्षण बिल लाने से लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने इसके समर्थन में कहा

    यह बिल लंबे समय से लंबित है। हमारी पार्टी का मानना है कि महिला आरक्षण बिल का उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत करना चाहिए। ST/SC महिलाओं के लिए एक जगह आरक्षित होना चाहिए। आरक्षण में आरक्षण मिलना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमें अगले 25 सालों तक एक और लड़ाई लड़नी होगी। हमें इस सत्र में 'आरक्षण के भीतर आरक्षण' के साथ महिला आरक्षण विधेयक लाना चाहिए और इसे पारित करना चाहिए।

    क्या है महिला आरक्षण बिल?

    गौरतलब है कि महिला आरक्षण बिल यदि संसद में पारित हो जाता है, तो इससे संसद में महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत सुनिश्चित हो जाएगी। यह बिल राज्यसभा में पास हो चुका है और कई बार संसद में प्रस्तुत किया जा चुका है। 9 मार्च, 2010 को यह बिल भारी बहुमत से राज्यसभा से पारित किया गया था।

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    9 मार्च साल 2010 में कांग्रेस ने बीजेपी, जेडीयू और वामपंथी दलों के सपोर्ट से राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल भारी बहुमत से पारित कराया। हालांकि, लोकसभा ने कभी भी बिल पास नहीं हो सका।