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Uttarkashi Tunnel Rescue: 'गब्बर सिंह नमस्ते...', मजदूरों ने सुरंग में कैसे बिताए 17 दिन; PM मोदी को बताई सारी बात

पीएम मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से सुरक्षित निकाले गए मजदूरों से घंटो बातचीत की और उनका कुशलक्षेम जाना। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने मजदूरों को सबसे पहले बधाई दी कि 17 दिनों के बाद सभी 41 मजदूर सुरक्षित सुंरग से बाहर निकल सके। मजदूरों ने कहा कि हम तकरीबन 18 दिनों तक सुरंग में फंसे रहे लेकिन हम लोगों को कभी घबराहट नहीं हुई।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Wed, 29 Nov 2023 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 29 Nov 2023 08:54 AM (IST)
सिलक्यारा सुरंग से सुरक्षित निकाले गए मजदूरों से पीएम मोदी ने फोन पर की बात।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

एएनआई, उत्तरकाशी। Uttarkashi Tunnel Rescue। पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से सुरक्षित निकाले गए सभी 41 मजदूरों का हाल-चाल जाना। उन्होंने मंगलवार को फोन पर मजदूरों से घंटों बातचीत की और उनका कुशलक्षेम जाना।

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बातचीत के दौरान पीएम मोदी और मजदूरों को सबसे पहले बधाई दी कि 17 दिनों के बाद सभी 41 मजदूर सुरक्षित सुंरग से बाहर निकल सके। पीएम मोदी ने सुरंग में फंसे मजदूरों का नेतृत्व करने वाले शबा अहमद और गब्बर सिंह से फोन पर बातचीत की। 

पीएम मोदी ने बातचीत की शुरुआत में कहा कि हम सबपर केदरनाथ बाबा और बद्रीनाथ भगवान की कृपा रही कि सभी मजदूर सही सलामत सुरंग से बाहर निकल सके। आप लोगों ने (मजदूर) ने सुरंग में मौजूद एक-दूसरे लोगों का हौसला बनाए रखा। यह एक बड़ी बात है।

मजदूरों ने कहा- हम लोग सुरंग में भाई की तरह रहते थे

शबा अहमद ने सुरंग में बिताए 17 दिनों के अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी  से कहा," सर हम लोग तकरीबन 18 दिनों तक सुरंग में फंसे रहे, लेकिन हम लोगों को कभी घबराहट नहीं हुई। हम 41 लोग सुरंग में फंसे थे। सभी अलग-अलग जिले से ताल्लुक रखते थे। हम लोग सुरंग में भाई की तरह रहते थे। सुरंग में सब एक दूसरे की मदद करते थे।"

सुरंग में मजदूर योगाभ्यास करते थे

शबा ने आगे कहा कि खाना आता था तो मिल-बांट कर हम सभी खाते थे। रात में खाना खाने के बाद जितने भी आदमी थे, सभी पैदल टहलते थे। सुरंग में 2.5 किलोमीटर था। वही, सुबह हम सभी मजदूर योगाभ्यास करते थे।

मजदूरों ने सीएम धामी को धन्यवाद कहा

उन्होंने आगे कहा,"मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह को धन्यवाद कहना चाहता हूं। दोनों हमेशा मजदूरों से संपर्क में रहे। लगातार हमारा हाल-चाल पूछते थे। जब हम सुरंग से बाहर निकले तो धामी साहब ने हमें गले लगाया।"

इसपर पीएम मोदी ने कहा, "हां वीके साहब भी पूरा दिन वहां रहे और जनरल की तरह की पूरे अनुशासन के साथ बिल्कुल सेना के एक जवान की तरह वहां मौजूद थे।"

रेस्क्यू की क्या रही रणनीति? 

सोमवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सिलक्यारा पहुंच सुरंग में चल रहे बचाव अभियान का जायजा लिया। केंद्र एवं राज्य के मध्य समन्वय का ही परिणाम रहा कि शुरुआती दौर में देश की नामी एजेंसियों के विशेषज्ञ मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू की रणनीति बनाने में जुट गए।

साथ ही नार्वे, थाइलैंड के विशेषज्ञों की मदद ली गई तो देशभर में सुरंग निर्माण की बड़ी परियोजनाओं के अनुभव साझा हुए। इसके आधार पर आगे कदम बढ़ाए गए।

रेस्क्यू के दौरान पीएम मोदी कितने चिंतित थे, यह इससे साबित होता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आठ बार फोन कर अपडेट ली। इसके साथ ही आवश्यक निर्देश देते रहे।

यहां पढ़ें पूरी खबर: Uttarkashi Tunnel Rescue: रेस्क्यू की रणनीति, डिक्स की एंट्री; सिलक्यारा की जीत... यहां से मिलता था पीएम मोदी को अपडेट


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