Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarkashi Tunnel Rescue: रेस्क्यू की रणनीति, डिक्स की एंट्री; सिलक्यारा की जीत... यहां से मिलता था पीएम मोदी को अपडेट

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Wed, 29 Nov 2023 04:56 AM (IST)

    यह परियोजना केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जुड़ी होने के कारण केंद्र के लिए भी यह साख का प्रश्न थी। 12 नवंबर को सिलक्यारा का घटनाक्रम होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार इस पर नजर बनाए हुए थे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सिलक्यारा पहुंचे तो केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि) दो बार यहां पहुंचे।

    Hero Image
    Uttarkashi Tunnel Rescue: यहां से मिलता था पीएम मोदी को अपडेट (फोटो जागरण ग्राफिक्स)

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। सिलक्यारा में 41 श्रमिकों को सकुशल सुरक्षित बाहर निकालने की जंग अब जीती जा चुकी है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) एवं राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों का सुफल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरंतर इस रेस्क्यू की मानीटरिंग करते रहे तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभियान की कमान अपने हाथ में ले ली थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो हर पल ही सिलक्यारा से जुड़े रहे। वह मातली में कैंप कार्यालय स्थापित कर रेस्क्यू पर नजर रखने के साथ ही कामकाज भी निबटा रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ ही केंद्र व राज्य की तमाम एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम मोर्चे पर जुटी रहीं। आखिरकार सभी की मेहनत और देशवासियों की प्रार्थना के बल पर इस कठिन अभियान में सफलता हासिल हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां से मिलता था पीएम मोदी को अपडेट

    यह परियोजना केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जुड़ी होने के कारण केंद्र के लिए भी यह साख का प्रश्न थी। 12 नवंबर को सिलक्यारा का घटनाक्रम होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार इस पर नजर बनाए हुए थे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सिलक्यारा पहुंचे तो केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि) दो बार यहां पहुंचे। दूसरी बार तो उन्होंने अभियान की सफल समाप्ति तक यहीं डेरा डाले रखा। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डा पीके मिश्रा लगातार राज्य के संपर्क मे रहे और प्रधानमंत्री को अपडेट देते रहे।

    रेस्क्यू की रणनीति

    सोमवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डा. पीके मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सिलक्यारा पहुंच सुरंग में चल रहे बचाव अभियान का जायजा लिया। केंद्र एवं राज्य के मध्य समन्वय का ही परिणाम रहा कि शुरुआती दौर में देश की नामी एजेंसियों के विशेषज्ञ मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू की रणनीति बनाने में जुट गए। साथ ही नार्वे, थाइलैंड के विशेषज्ञों की मदद ली गई तो देशभर में सुरंग निर्माण की बड़ी परियोजनाओं के अनुभव साझा हुए। इसके आधार पर आगे कदम बढ़ाए गए।

    टनल के लिए डिक्स की एंट्री

    पीएमओ के निर्देश पर एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, डीआरडीओ, आरवीएनएल, टीएचडीसी, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, आइआइटी रुड़की, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, सेना, वायुसेना, स्वास्थ्य विभाग, कोल इंडिया, एनडीएमए, बीएसएनएल, आपदा प्रबंधन विभाग को सिलक्यारा भेजा। मशीन और अन्य सामग्री जल्द से जल्द पहुंचे, इसके लिए सेना व वायुसेना की मदद ली गई। यही नहीं, इंटरनेशलन टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नाल्ड डिक्स को बुलाया गया।

    पीएमओ ने थामी कमान

    18 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे के नेतृत्व में टीम पहुंची और अभियान की कमान अपने हाथ में ली। फिर तमाम एजेंसियों के विशेषज्ञों ने मिलकर रणनीति तैयार की। आखिरकार मंगलवार को इसमें सफलता हासिल हो गई। राज्य सरकार और उसका पूरा तंत्र भी इस अभियान में जुटा रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर उपस्थित रहे। मंगलवार सुबह भी धामी सिलक्यारा में थे और फिर देहरादून लौट गए। दोपहर बाद अभियान के सफलता के नजदीक होने की सूचना पर वह दोबारा सिलक्यारा पहुंचे और 17 दिन से सुरंग में फंसे श्रमिकों का बाहर निकलने पर स्वागत किया।

    प्रधानमंत्री ने आठ बार फोन कर लिया अपडेट

    अभियान को लेकर प्रधानमंत्री कितने चिंतित थे, यह इससे साबित होता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आठ बार फोन कर अपडेट ली। इसके साथ ही आवश्यक निर्देश देते रहे। मंगलवार सुबह भी उन्होंने मुख्यमंत्री से श्रमिकों की कुशलक्षेम के साथ ही राहत एवं बचाव अभियान की जानकारी ली। अभियान पूरा होने पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को फोन कर शुभकामनाएं दीं।

    Uttarkashi Tunnel Rescue: अब आपदामुक्त विकास पर फोकस, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम से ही मिलेगी कामयाबी

    comedy show banner
    comedy show banner