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    Trump Tariff News: ट्रंप ने फोड़ा 50 फीसदी का 'टैरिफ बम'... भारत ने अमेरिका को सुनाई खरी-खरी; सरकार करेगी जवाबी कार्रवाई?

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 11:46 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा। इसका कारण रूस से तेल की खरीद को बताया गया है। भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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    भारत ने अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध जताया है (प्रतीकात्मक फोटो)

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। अपनी धमकी पर अमल करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारतीय वस्तुओं के अमेरिका में प्रवेश पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि रूस से भारत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से तेल की खरीदारी कर रहा है। इसलिए भारत पर यह अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा है जो इस आदेश के 21 दिनों के बाद से प्रभावी होगा।

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    भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने की घोषणा ट्रंप पहले ही कर चुके हैं जो सात अगस्त से प्रभावी हो जाएगा। जबकि ताजा घोषणा के बाद आगामी 27 अगस्त से भारत से अमेरिका निर्यात होने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। भारत ने अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इस कदम को असंगत, अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया। साथ ही भारत ने जवाबी कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करेगा।

    भारत को निशाना बना रहे ट्रंप

    लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी ट्रंप के फैसले को आर्थिक ब्लैकमेल बताते हुए सरकार से दबाव में नहीं आने को लेकर सचेत करते हुए कि ट्रंप अनुचित समझौते के लिए धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिका के पारस्परिक शुल्क की घोषणा से पहले जो शुल्क भारतीय वस्तुओं पर लागू हो रहा था, उसे भी जोड़ा जाएगा। हालांकि दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स खासकर स्मार्टफोन को पहले की तरह इस शुल्क के दायरे से बाहर रखा गया है।

    इन वस्तुओं पर इस साल अप्रैल से पहले वाले शुल्क मान्य होंगे। सबसे बड़ी बात है कि वर्ष 2024 में चीन ने रूस से 62 अरब डॉलर के तेल की खरीदारी की जबकि भारत की यह खरीदारी 52 अरब डालर की थी। फिर भी ट्रंप अब चीन की जगह भारत को निशाना बना रहे हैं।

    भारत कैसे हो जाएगा प्रतिस्पर्धा से बाहर

    • इस साल अप्रैल से पहले भारतीय फुटवियर पर आठ प्रतिशत का शुल्क लगता था तो अब अमेरिका होने वाले फुटवियर के निर्यात पर 50 और आठ यानी कि 58 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। निर्यातकों का कहना है कि अब अमेरिका के बाजार में प्रतिद्वंद्वी देश का मुकाबला करना काफी मुश्किल हो जाएगा।
    • क्योंकि अमेरिका में निर्यात करने वाले देशों में ब्राजील को छोड़ किसी भी अन्य देश पर 50 प्रतिशत का शुल्क नहीं लगाया गया है। यहां तक कि गत मई-जून तक चीन को लगातार भला-बुरा कहने वाले ट्रंप ने चीन पर 30 प्रतिशत का ही शुल्क लगा रखा है और अब चीन के साथ व्यापारिक समझौते की बात भी अमेरिका कर रहा है। चीन के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक शुल्क की वजह से अमेरिका के खरीदार अब फिर से चीन को ऑर्डर देने लगेंगे।
    • पिछले तीन महीनों से भारत पर मात्र 10 प्रतिशत का शुल्क लग रहा था जिससे अमेरिकी खरीदार अपैरल, फुटवियर, खिलौने, जेम्स व ज्वैलरी, केमिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में चीन की जगह भारत से खरीदारी करना पसंद कर रहे थे। यही वजह है कि इस साल अप्रैल-जून में अमेरिका होने वाले भारतीय निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ। भारत ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका में 88 अरब डालर का निर्यात किया था।
    • ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) ने 25 प्रतिशत शुल्क लगने के बाद ही अमेरिका होने वाले निर्यात में 25 अरब डॉलर तक की गिरावट का अनुमान लगाया था। अब अमेरिका के बाजार में भारतीय निर्यात में और गिरावट होगी। 50 प्रतिशत का शुल्क होने के बाद अमेरिका का बाजार भारतीय निर्यातकों की पहुंच से बाहर होता दिख रहा है।

    व्यापारियों को राहत की उम्मीद

    फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के चेयरमैन एस. सी. रल्हन ने बताया कि 25 प्रतिशत शुल्क लगने के बाद भी हमारा शुल्क चीन के 30 प्रतिशत से कम था जो भारतीय निर्यातकों को एक उम्मीद दे रहा था, लेकिन अब 50 प्रतिशत शुल्क के बाद भारत प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत कोई न कोई ठोस कदम उठाना चाहिए और वित्तीय पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

    कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के पूर्व चेयरमैन संजय जैन के मुताबिक अमेरिका के बाजार में भारत मुख्य रूप से टेक्सटाइल, लेदर आइटम, जेम्स व ज्वैलरी, इंजीनिय¨रग गुड्स जैसे रोजगारपरक सेक्टर का निर्यात करता है। अब भारतीय वस्तुएं अमेरिकी बाजार में इतनी महंगी हो जाएंगी कि खरीदार किसी और देश के विक्रेता के पास चले जाएंगे।

    विदेश मंत्रालय ने जवाबी कार्रवाई के संकेत दिए

    ट्रंप प्रशासन की इस नई घोषणा पर विदेश मंत्रालय ने ना सिर्फ कड़ा प्रतिरोध व्यक्त किया है बल्कि अमेरिका पर भी जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा है कि, 'हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से तेल आयात करने पर निशाना बनाया है। इस बारे में हमने अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। हम अपनी बाजार के हालात और अपनी 1.4 अरब जनता की ऊर्जा सुरक्षा के हिसाब से फैसला करते हैं।'

    कहा कि 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे काम के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है जैसा काम दूसरे अन्य देश भी अपनी राष्ट्रीय हितों के लिए कर रहे हैं। हम मानते हैं कि यह कदम असंगत, अनुचित और अन्यायपूर्ण है। भारत अपने हितों की रक्षा करने के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करेगा।' यह तीन दिनों में दूसरी बार है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति ट्रंप के आपत्तिजनक बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।

    'ट्रंप के ब्लैकमेल धमकी के दबाव में न आए सरकार'

    लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी के ताजा टैक्स लगाने के फैसले को ब्लैकमेल करार देते हुए इस मुद्दे पर ट्रंप को आडे़ हाथों लेते हुए सरकार से साफ कहा कि उसे दबाव में नहीं आना चाहिए।

    कांग्रेस नेता ने एक्स पोस्ट में कहा, 'ट्रम्प का 50 प्रतिशत टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है। भारत को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का एक प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी को अपनी कमजोरी को भारतीय जनता के हितों पर हावी नहीं होने देना चाहिए।'

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