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    जमीन बेची, कर्जा लिया, 1 करोड़ खर्च किया... डंकी रूट से अमेरिका जाने के लिए लोगों ने क्या-क्या किया?

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 11:50 AM (IST)

    अमेरिका जाने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है कुछ लोग अपनी जमीन बेचकर अमेरिका गए थे तो कोई कर्ज लेकर। अमृतसर में एक युवक के चाचा ने कहा कि परिवार ने अपने भतीजे को विदेश भेजने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी। आपको आगे बताते हैं लोगों ने अमेरिका जाने के लिए और कितने पापड़ बेले।

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    डंकी रूट से अमेरिका गए लोग (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका जाना बहुत से लोगों का सपना होता है, लेकिन ये सपना कई बार पैसों की वजह से सपना ही रह जाता है, हकीकत में नहीं बदल पाता। इनमें से कोई अपनी जमीन बेचकर अमेरिका गया था तो कोई कर्ज लेकर। 

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    इस बीच अमेरिका से कई प्रवासी भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है, इनमें पंजाब, हरियाणा, गुजरात सहित कई राज्यों के लोग शामिल हैं। अमेरिकी सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार दोपहर 104 निर्वासित भारतीयों को लेकर पंजाब के अमृतसर में उतरा, जिससे उनका 'अमेरिकी सपना' अधूरा रह पूरा हो गया, जिसके लिए उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था।

    कई निर्वासित लोगों ने हवाई अड्डे पर एक सरकारी अधिकारी को बताया कि उन्हें लगभग 10 दिन पहले अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर उठाया गया था। कुछ ने कहा कि वे ब्रिटेन से अमेरिका गए थे।

    पंजाब और हरियाणा से ऐसे गए लोग

    हवाई अड्डे पर निकासी प्रक्रिया में शामिल सूत्रों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से निर्वासित लोगों को सड़क मार्ग से घर भेजा गया।

    गुजरात और अन्य राज्यों के लोगों को बुधवार देर रात उड़ान भरनी थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता इस बात पर गौर करेंगे कि निर्वासित लोगों को अमेरिका पहुंचने में किसने मदद की और उन्होंने इन अवैध आव्रजन एजेंटों को कितने पैसे दिए।

    गुजराती परिवार ने दिए 1 करोड़

    एक गुजराती परिवार का दावा है कि उसने अमेरिका पहुंचने के लिए 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।वहीं इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा, अमृतसर के एक सीमावर्ती गांव के एक युवक के चाचा ने कहा कि परिवार ने अपने भतीजे को विदेश भेजने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी और 42 लाख रुपये से कुछ अधिक खर्च किए। उन्होंने कहा, 'वह कुछ महीने पहले ही मेक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचा था।'

    कुछ ने कहा कि वे ब्रिटेन से अमेरिका गए थे। हवाई अड्डे पर निकासी प्रक्रिया में शामिल सूत्रों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से निर्वासित लोग थे।

    क्या है डंकी रूट?

    असल में, गांव के 150 में से कम से कम 80-85 लोग इसी रस्ते से अमेरिका पहुंच चुके हैं। ये सिलसिला यूं ही नहीं चला आ रहा, बल्कि यहां के लोगों के लिए ये लगभग परंपरा बन चुका है। एजेंट्स बैठे हैं, प्लानिंग रेडी है, पैसे जुटाने की जद्दोजहद शुरू हो जाती है। 15 लाख लगते हैं बस उस दीवार तक पहुंचने के लिए, जो अमेरिका और मेक्सिको के बीच खड़ी है, लेकिन वहां तक पहुंचने की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं।

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