केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक कल, 22वें विधि आयोग की अवधि बढ़ाने पर विचार संभव, कानून मंत्रालय ने रखा प्रस्ताव
रिजीजू ने हाल में संसद को बताया था कि सरकार ने 21वें विधि आयोग से समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न मुद्दों का परीक्षण करने और सिफारिशें करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र: केंद्रीय मंत्रिमंडल 22वें विधि आयोग की अवधि बढ़ाने पर बुधवार को विचार कर सकता है। आयोग का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया। जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाले विधि आयोग को कार्यकाल विस्तार देने के कानून मंत्रालय के प्रस्ताव के संबंध में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विचार हो सकता है। प्रस्तावित विस्तार की अवधि के बारे में अभी पता नहीं है।
विधि आयोग का कार्यकाल बढ़ाने पर विचार
22वें विधि आयोग का गठन 21 फरवरी, 2020 को तीन साल की अवधि के लिए किया गया था और इसके अध्यक्ष, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी ने 9 नवंबर, 2022 को पदभार ग्रहण किया। कानून मंत्री किरण रिजीजू ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा को सूचित किया था कि अध्यक्ष का कार्यकाल आयोग की अवधि बीतने के साथ समाप्त हो जाता है। सरकार के सूत्रों ने पूर्व में संकेत दिया था कि 22वें विधि आयोग को विस्तार दिया जा सकता है क्योंकि उसे कार्यकाल का बहुत कम समय मिला है।
उठ सकता है समान नागरिक संहिता का मामला
रिजीजू ने हाल में संसद को बताया था कि सरकार ने 21वें विधि आयोग से समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न मुद्दों का परीक्षण करने और सिफारिशें करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हो गया था। विधि आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समान नागरिक संहिता से संबंधित मामला 22वें विधि आयोग द्वारा विचार के लिए उठाया जा सकता है। 22वें विधि आयोग ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में पिछले आयोग के एक साथ चुनाव कराने के संबंध में छह सवालों पर राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग सहित विभिन्न हितधारकों से हाल में नए विचार मांगे थे।