अलग तेलंगाना की अलख जगाने वाले राव की पूरी कहानी
तेलंगाना नामक एक अलग राज्य की मांग को लेकर चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्रीय समिति की स्थापना की। कांग्रेस के साथ गठबंधन का निर्माण कर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने 2004 के चुनावों में हिस्सा लिया।
नई दिल्ली। दशकों पुरानी अलग तेलंगाना राज्य की लड़ाई अब मुकाम तक पहुंच गई है। तमाम विरोध और पेचीदगियों के बावजूद संप्रग सरकार ने अब आंध्र प्रदेश को विभाजित कर अलग तेलंगाना राज्य बनाने के फैसले को हरी झंडी दिखा दी है।
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पृथक तेलंगाना राज्य बनाने के कांग्रेस कार्यसमिति के फैसले का स्वागत करते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को मांग की कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को साझी राजधानी बनाये जा रहे हैदराबाद के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। राव इस आंदोलन के राजनीतिक चेहरा हैं।
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कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव का जीवन परिचय
तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव का जन्म 17 फरवरी, 1954 को आंध्र प्रदेश के मेदक जिले में हुआ था। वर्तमान समय में चंद्रशेखर राव महबूबनगर, आंध्र प्रदेश से सांसद हैं। इन्होंने तेलुगु साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि भी ग्रहण की है। चंद्रशेखर राव का विवाह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी जे. केशवराव की पुत्री शोभा से हुआ है। इनके बेटे के.टी. रामाराव राज्य के विधायक हैं।
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कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव का राजनैतिक सफर
1983 के विधानसभा चुनावों में हार के साथ चंद्रशेखर राव के राजनैतिक कॅरियर की शुरूआत हुई। आगामी 1985 के चुनावों में तेलुगु देशम पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज करने के बाद वह विधानसभा सदस्य बन कैबिनेट में शामिल हुए। तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य के तौर पर चंद्रशेखर राव विधानसभा उपाध्यक्ष भी रहे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री से मनमुटाव बढ़ जाने के कारण उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
तेलांगाना राष्ट्रीय समिति की स्थापना
तेलंगाना नामक एक अलग राज्य की मांग को लेकर चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्रीय समिति की स्थापना की। कांग्रेस के साथ गठबंधन का निर्माण कर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने 2004 के चुनावों में हिस्सा लिया। चंद्रशेखर राव को जब यह लगने लगा कि कांग्रेस तेलंगाना निर्माण के लिए समर्थन देने की इच्छुक नहीं है तो उन्होंने कांग्रेस से अपना समर्थन वापस ले लिया। 2009 में विपक्षी दल के साथ गठबंधन कर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा।
लेकिन मात्र दो सीटों पर ही जीत दर्ज हो पाई।
इस चुनावी असफलता के कारण पार्टी के अधिकांश सदस्यों ने चंद्रशेखर राव को ही दोषी ठहराया। इन आरोपों से आहत होकर राव ने कुछ समय के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 2010 के उपचुनावों में तेलांगाना राष्ट्रीय समिति ने ग्यारह सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी क्षेत्रों में जीत हासिल की।
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