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Triple Talaq Bill passed in Rajya Sabha: अब हलाला और बहुविवाह की बारी

Triple Talaq Bill passed in Rajya Sabha तीन तलाक बिल का पास होने के बाद मुस्लिम महिलाएं अब निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी कुप्रथा से आजादी चाहती हैं।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 11:49 PM (IST)
Triple Talaq Bill passed in Rajya Sabha: अब हलाला और बहुविवाह की बारी

नई दिल्ली, जेएनएन। Triple Talaq Bill passed in Rajya Sabha, मुस्लिम महिलाओं और मोदी सरकार दोनों के लिए मंगलवार का दिन एेतिहासिक था। इसका कारण है तीन तलाक बिल का राज्य सभा में पास होना। इस कुप्रथा के खत्म होने के साथ-साथ मुस्लिम महिलाओं का मोदी सरकार पर भरोसा और उम्मीद दोनों बढ़ गई है। भरोसा इसलिए क्योंकि भाजपा की संघर्ष से उन्हें सदियों से चली आ रही इस कुप्रथा से आजादी मिल गई, तो वहीं उम्मीद इसलिए बढ़ गई है क्योंकि अब ये महिलाएं इस इंतजार में हैं कि तीन तलाक के बाद निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी कुप्रथा खत्म हो।

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मोदी सरकार इन दो कुप्रथाओं को लेकर भी गंभीर है। चुनाव से पहले अपने संकल्प पत्र में तीन तलाक, निकाह हलाला जैसी प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए कानून पारित करने का संकल्प व्यक्त किया था। ऐसे मे  अब उसके पास तीन तलाक पर रोक लगाने के बाद उसकी निगाह निकाह हलाला और बहुविवाह पर होगी। 

बता दें कि दोनों मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। 12 जुलाई को दोनों मामलों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया था। भाजपा नेता व वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के सामने मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी, लेकिन पीठ ने इस आग्रह को ठुकरा दिया था। पीठ ने कहा कि वह संविधान पीठ का जल्द गठन करने की स्थिति में नहीं हैं। गौरतलब है कि इस मामले में केंद्र सरकार को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। पिछले साल जुलाई में इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया गया था। 

क्या है निकाह हलाला और बहुविवाह

निकाह-हलाला वह प्रथा है कि जिसके तहत तलाकशुदा महिला को अपने पति के साथ फिर वापस जाने के लिए पहले किसी दूसरे मर्द से शादी करनी होती है और संबंध बनाना पड़ता है। इसके बाद उसे तलाक देने के बाद उसे अपने पूर्व पति से निकाह करना पड़ता है। वहीं बहुविवाह मुस्लिम पुरुष को चार पत्नी रखने की इजाजत देता है। 

मुस्लिम महिलाओं ने मिठाई बांटकर जताई खुशी

राज्यसभा में तीन तलाक का बिल पास होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक की लड़ाई लड़ने वाली अधिवक्ता फरहा फैज के आवास पर मुस्लिम महिलाओं व मीडिया का जमावड़ा लग गया। मुस्लिम महिलाओं ने मिठाई बांटकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। मीडिया से बात करते हुए फरहा फैज ने कहा कि अभी यह पहली लड़ाई जीती है, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ अभी उनकी लड़ाई जारी रहेगी। 

पीएम मोदी की आभारी, अब बहु विवाह और हलाला की बारी

सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आभारी हैं। उनकी सरकार ने महिलाओं के हक में सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दिया था, जिसमें कहा गया था कि किसी समाज की महिला के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। फरहा का कहना है कि वह तलाक के खिलाफ नहीं थीं। उनकी लड़ाई तलाक ए बिद्दत के खिलाफ थी, ताकि कोई एक साथ तीन तलाक न दे सके। इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान होने से अब हर किसी को डर लगेगा। उनकी यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है अभी भी मुस्लिम समाज में बहु विवाह और हलाला जैसी कुप्रथा है। फरहा का कहना है कि इन पर भी कानून बनना चाहिए, यदि कानून नहीं बनता तो यूनिफार्म सिविल कोड आना चाहिए।

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