Triple Talaq Bill In Rajya Sabha: मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, तीन तलाक बिल राज्यसभा में भी पास
Triple Talaq Bill लोकसभा में पास कराने के बाद सरकार ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को राज्यसभा में पास कर दिया है। यह मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक कामयाबी का दिन है।
नई दिल्ली, एएनआइ। Triple Talaq Bill लोकसभा में पास कराने के बाद सरकार ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को राज्यसभा में पास कर दिया है। BJD ने इस बिल का समर्थन किया, वहीं JDU, AIADMK और TRS ने वॉकआउट किया। PDP और BSP भी वोटिंग में शामिल नहीं हुईं। विपक्ष के सभी बड़े संशोधन प्रस्ताव गिरे। विपक्षी एकता ध्वस्त हुई। यह मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक कामयाबी का दिन है। इस दिन को सामाजिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना गया है।
Rajya Sabha Live:
- कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। संसद में ट्रिपल तलाक बिल पास हुआ जो कि महिला शशक्तिकरण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है। मैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करता हूं जिनके नेतृत्व में संसद ने मुस्लिम महिलाओं के प्रति होने वाले इस अत्यचार का अंत किया।
आज ऐतिहासिक दिन है। संसद में ट्रिपल तलाक बिल पास हुआ जो कि महिला शशक्तिकरण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है। मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं जिनके नेतृत्व में संसद ने मुस्लिम महिलाओं के प्रति होने वाले इस अत्यचार का अंत किया।#TripleTalaqBill — Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 30, 2019
- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये बदलते भारत की शुरुआत है।
- जयपुर में मुस्लिम महिलाओं ने मिठाई बांटकर बिल के पास होने पर खुशी जताई।
- तीन तलाक बिल पास होने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
- मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 तीन तलाक बिल कहा जाता है को राज्यसभा में पास किया गया।
Triple Talaq का खौफ खत्म, मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर
- मोदी सरकार की ऐतिहासिक कामयाबी, देश में तीन तलाक का अंत हुआ।
- राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 वोट और विपक्ष में 84 वोट पड़े।
- ऐतिहासिक तीन तलाक बिल राज्यसभा से भी हुआ पास।
- तीन तलाक पर फाइनल वोटिंग पूरी, सांसदों से पर्ची वापस ली गई। पर्चियों की गिनती हो रही है।
- तीन तलाक बिल का पारित होना तगभग तय।
- राज्यसभा में विपक्षी एकता ध्वस्त हुई।
- तीन तलाक बिल पर विपक्ष के अब तक के सभी बड़े संशोधन प्रस्ताव गिरे।
- तीन तलाक बिल पर दिग्विजय सिंह और हुसैन दलवई का संशोधन प्रस्ताव गिरा।
- PDP और BSP भी मतदान में शामिल नहीं हो रही हैं।
- तीन तलाक बिल पास करने की दिशा पहला कदम बढ़ा।
- सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजने के प्रस्ताव को 100 वोट मिले, सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए 84 वोट मिले
- JDU, AIADMK और TRS ने किया वॉकआउट
- JDU और AIADMK के बाद TRS वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं रहेगी।
- सभी सांसदों को पर्ची बांटी गई, स्पीकर ने सभी सदस्यों को अपनी सीटों पर बैठने के लिए कहा।
- AIADMK का संशोधन सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव गिरा।
- तीन तलाक बिल पर पर्ची के जरिए वोटिंग की प्रक्रिया शुरू।
राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल ने तीन तलाक बिल का समर्थन किया है। राज्यसभा में सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि तीन तलाक को क्रिमिनलाइज करने के प्रावधान का स्वागत है।
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कानून पॉलिटिकली मोटिवेटेड
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह कानून राजनीतिक रूप से प्रेरित है, इसलिए अल्पसंख्यक अपने आप में लड़ने व्यस्त हैं। पति और पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ वकील करेंगे और वकील को पैसे देंगे। सजा खत्म होने तक वे कंगाल हो चुके होंगे।
Ghulam Nabi Azad, Leader of Opposition in Rajya Sabha, on Triple Talaq Bill: The Bill is for protection of rights on marriage but the real motive is destruction of families. pic.twitter.com/GWQTtdTEYn — ANI (@ANI) July 30, 2019
AIADMK करेगी वॉक आउट
AIADMK के नेता ए. नवनीतकृष्णन ने कहा कि हम ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ हैं इसलिए हम वोटिंग के दौरान वॉकआउट करेंगे।
तीन तलाक के बाद 370 भी जाएगा, 35A भी जाएगा
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने तीन तलाक बिल पर कहा कि मुस्लिम महिलाएं पर्सनल लॉ की चक्की में पिस रही हैं। इस बिल के पास होने से सेक्युलरिज्म कमजोर नहीं मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होने के बाद 370 भी जाएगा, 35A भी जाएगा, देश में एक कानून होगा।
TMC सांसद डोला सेन के बयान पर हंगामा
टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि नागपुर में आपकी एक संस्था है, जिसके चीफ ने कहा था कि पति और पत्नी सामाजिक करार से जुड़े हैं और अगर महिला अपनी ड्यूटी नहीं निभा पाती है तो उसे छोड़ देना चाहिए। सेन के इस बयान पर सदन में जोरदार हंगामा होने लगा। उन्होंने कहा कि बिल में तीन तलाक को अपराध बनाने वाला प्रावधान है इसलिए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाना चाहिए।
लंच ब्रेक के लिए राज्यसभा में हंगामा
राज्यसभा में लंच ब्रेक के लिए हंगामा हुआ। विपक्षी लंच ब्रेक की मांग कर रहा था, जबकि उपसभापति ने कहा कि लंच के लिए सदन स्थगित नहीं होगा और लगातार बिल पर चर्चा होगी। इसके बाद लंच के लिए सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मुख्तार अब्बास नकवी ने बिल पर कहा कि जब आप महिलाओं के साथ गलत काम कर रहे हैं तो आपको क्यों बख्शा जाए? बात चली की पति जेल जाएगा तो क्या होगा? पति ऐसा कोई काम करे ही क्यों ताकि जेल जाने की नौबत आए। हमने तमाम कुरीतियों को खत्म करने के लिए कानून बनाने पर जोर दिया है।
राज्यसभा से जेडीयू का वॉकआउट
जेडीयू ने राज्यसभा में बिल का विरोध किया। जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यह सवाल महिला सशक्तिकरण का है लेकिन इसपर बड़े पैमाने पर बड़े स्तर पर जागरूकता की जरूरत है।उन्होंने कहा कि हर पार्टी की एक विचारधारा है और उसके पालन के लिए वह स्वतंत्र है।
कांग्रेस को 42 मिनट का समय
तीन तलाक पर कांग्रेस को अपना पक्ष रखने के लिए 42 मिनट का समय मिला है। बिल के विरोध में गुजरात से कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने बोलते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा हुआ है। आपने इसे क्रिमिनल ज्यूरिस्प्रूडेंस में डाल दिया। आपने मजिस्ट्रेट के कोर्ट में महिला को ढ़केल दिया। आपने फैमिली के लिए अब उसे मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाने पर मजबूर कर दिया। ये किसी एक समुदाय का मुद्दा नहीं है। ये हर समुदाय का मामला है और सिर्फ भारतीय नहीं, बल्कि एनआरआई शादियों में भी होता है। यह सिर्फ एक समुदाय की बात नहीं है
'नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल'
तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पेश करने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों को बिल में कुछ खामियां लगी, उन्हें लगा इसका दुरुपयोग हो सकता है तो हमने इसमें बदलाव किए। अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है। इस सवाल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है। एक तरफ हमारी बेटियां गोल्ड ला रही हैं, फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। चांद पर चंद्रयान भेजने वाली वैज्ञानिक बन रही हैं, वहीं हम उनसे उनकी आजादी एक परंपरा के नाम पर छीन रहे हैं
Union Minister Ravi Shankar Prasad on introducing Triple Talaq bill in Rajya Sabha: This is a matter of gender justice, dignity and equality. https://t.co/VPrZpVrUUV" rel="nofollow— ANI (@ANI) July 30, 2019
क्या है बिल में प्रावधान
इस बिल में तत्काल तीन तलाक को अपराध माना गया है और ऐसा करने वाले मुस्लिम पुरुषों को सजा देने का प्रावधान किया गया है। कई विपक्षी दल इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह बिल लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है।
- तुरंत तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बनाना।
- तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ़्तार कर सकती है।
- तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है।
- जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा।
- पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है।
- पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है।
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