पुरूष से महिला बनीं अनुप्रभा को ट्रांसजेंडर पहचान पत्र से मिला पासपोर्ट, दो साल करनी पड़ी कड़ी मशक्कत
कोलकाता की अनुप्रभा दास मजूमदार ट्रांसजेंडर पहचान पत्र के साथ पासपोर्ट पाने वाली पहली भारतीय हो सकती हैं। पुरुष से महिला बनीं अनुप्रभा को पासपोर्ट पाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। अनुप्रभा ने कहा कि यह फैसला ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ी जीत है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। महानगर के बालीगंज इलाके की रहने वाली अनुप्रभा दास मजूमदार को ट्रांसजेंडर पहचान पत्र से पासपोर्ट मिला है। देश में संभवत: यह ऐसी पहली घटना है।
32 साल की अनुप्रभा पुरूष से महिला बनी हैं। मालूम हो कि भारत में पासपोर्ट बनवाने के लिए ट्रांसजेंडर पहचान पत्र स्वीकार करने का पहले नियम नहीं था, जिससे तृतीय लिंग वालों के लिए पासपोर्ट बनवाना मुश्किल था।
आसान नहीं रही पासपोर्ट पाने की राह
लैंगिक अधिकार कार्यकर्ता अनुप्रभा के लिए भी पासपोर्ट पाने की राह आसान नहीं रही। कोलकाता स्थित पासपोर्ट कार्यालय के कई बार चक्कर लगाने के बाद जब प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी तो उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद उन्हें पासपोर्ट जारी कर दिया गया। अनुप्रभा ने कहा, "इतने दिनों बाद राहत महसूस हुई है। मानों एक थकाऊ यात्रा समाप्त हुई।"
कलकत्ता हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?
अनुप्रभा 2023 से ट्रांसजेंडरों के लिए पासपोर्ट के अधिकार के लिए लड़ रही थीं। गत 18 जून को कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि अब से पासपोर्ट के लिए ट्रांसजेंडर पहचान पत्र भी स्वीकार किया जाएगा। अनुप्रभा ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट का यह फैसला ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ी जीत है, हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
अनुप्रभा को आधार कार्ड बनवाते समय भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा,"ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ट्रांसजेंडर पहचान पत्र दिखाकर सभी कानूनी दस्तावेजों के लिए आवेदन किए जा सकते हैं, फिर भी मुझे आधार कार्ड प्राप्त करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।"
कैसे मिला आधार कार्ड?
उन्होंने कहा, "मुझसे कहा गया कि आधार कार्ड बनवाने के लिए ट्रांसजेंडर पहचान पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा, हालांकि इससे जुड़े सभी कानूनी दस्तावेज भेजने के बाद आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने मेरी मदद की। उन्होंने मेरे आवेदन पर अपना सिस्टम अपडेट किया और मुझे मेरा आधार कार्ड मिल गया।"
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