डाक से भेजे जाएं प्रश्न पत्र, चुनाव जैसा अमला तैयार करे NTA; समिति ने बताए पेपर लीक से निपटने के तरीके
इस साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी खूब चर्चा में रही है। वजह यह थी कि नीट जेईई मेन और यूजीसी समेत कई परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे। बाद में केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। अब इस समिति ने परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए अहम सुझाव एनटीए को दिए हैं। इसमें चुनाव जैसा प्रशासनिक अमला तैयार करने को कहा गया है।

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। नीट, जेईई मेन और यूजीसी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को पेपर लीक सहित किसी भी तरह की गड़बड़ियों से बचाने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में सुधार को लेकर गठित अधिकार प्राप्त उच्च स्तरीय समिति ने जो अहम सुझाव दिए है, उनमें इन परीक्षाओं के लिए चुनाव जैसा एक समर्पित अमला भी तैयार करने का सुझाव है। जिसमें निजी भागीदारी को पूरी तरह से खत्म करने की सिफारिश की गई है।
अधिकारियों के तैनाती का सुझाव
एनटीए को इसकी शुरूआत प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर चुनाव की तरह पीठासीन अधिकारियों की तैनाती के साथ करने को कहा है। जिसकी मौजूदगी में ही परीक्षा केंद्र पर छात्रों की बैठक व्यवस्था से लेकर प्रश्न पत्र का लिफाफा खोलने जैसे गतिविधियां संचालित करने का सुझाव दिया है।
इसी साल सामने आ चुकी गड़बड़ी
समिति ने यह सुझाव ऐसे समय में दिया है, जब नीट और यूजीसी नेट जैसी परीक्षाओं में इस साल बड़े स्तर पर गड़बड़ी और पेपर लीक के मामले सामने आए थे। इसके पीछे परीक्षा में आयोजन में निजी स्कूलों में बनाए गए परीक्षा केंद्र से लेकर प्रश्न पत्र को पहुंचाने वाली निजी कूरियर कंपनियों और निजी एजेंसियों की भूमिका सामने आयी थी।
डाक से प्रश्न पत्र भेजने का सुझाव
यही वजह है कि समिति ने प्रश्न पत्रों को निजी कूरियर एजेंसियों की जगह एनटीए को भारतीय डाक के जरिए भेजने के विकल्प पर काम करने का सुझाव दिया है। इसके लिए संस्थान के स्तर पर उनके साथ सख्त नियमों के साथ इसे भेजने की प्रक्रिया भी निर्धारित करने को कहा है। हालांकि जब तक यह व्यवस्था पुख्ता तरीके से खड़ी न हो जाए तब निजी एजेंसियों को और कड़े नियमों के साथ परीक्षा में भागीदारी देने को कहा है।
सरकारी संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाने का सुझाव
यही वजह है कि समिति ने अब सिर्फ सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाने का सुझाव दिया है। समिति ने जो और भी अहम सुझाव दिए है, उनमें प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर उनकी छपाई, उसकी पैकेजिंग व उनके वितरण की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन लाने का सुझाव दिया है। इसके लिए एनटीए से गोपनीय गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले अमले के लिए एक गाइडलाइन भी तैयार करने को कहा है।
जिसमें इन गोपनीय गतिविधियों में शामिल होने वालों की एक सूची बनाने को कहा है। साथ ही इसके लिए एनटीए से एक कमांड सेंटर बनाने को भी कहा है।
छह महीने पहले घोषित किए जाए परीक्षा कार्यक्रम
समिति ने एनटीए को लेकर और भी जो अहम सिफारिशें की है, उनमें किसी भी परीक्षा के कार्यक्रम को छह माह पूर्व घोषित करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही सभी परीक्षाओं का कैलेंडर साल भर पहले निर्धारित करने को कहा है।
समिति ने इन परीक्षाओं के कार्यक्रम में किसी आपात स्थिति और आपदा के अतिरिक्त बदलाव न करने को भी कहा है। समिति ने यह सुझाव तब दिया है, जब परीक्षा कार्यक्रम में अक्सर अंतिम समय में बदलाव देखने को मिलता है। माना जा रहा है कि इसका प्रभाव छात्रों पर पड़ता है। उनमें तनाव की स्थिति और बढ़ती है।
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