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Telangana: राज्य सरकार ने शुरू की 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना', 27 हजार सरकारी स्कूलों में लागू होगी स्कीम

लंगाना ने शुक्रवार को स्कूली बच्चों के लिए मुख्यमंत्री नाश्ता योजना की शुरुआत कर दी है। योजना के लॉन्च के बाद रामा राव ने कहा कि यह योजना राज्य भर के 27147 सरकारी स्कूलों में लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य है कि लगभग 23 लाख सरकारी स्कूल के छात्रों को खाना मिल सके। केटी रामा राव सहित तेलंगाना के मंत्रियों ने विभिन्न स्थानों पर योजना की औपचारिक शुरुआत की।

By AgencyEdited By: Shalini KumariFri, 06 Oct 2023 04:02 PM (IST)
Telangana: राज्य सरकार ने शुरू की 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना', 27 हजार सरकारी स्कूलों में लागू होगी स्कीम
तेलंगाना सरकार ने शुरू की 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना'

पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना ने शुक्रवार को स्कूली बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना' (Chief Minister's Breakfast Scheme) की शुरुआत कर दी है। इसका उद्देश्य है कि लगभग 23 लाख सरकारी स्कूल के छात्रों को खाना मिल सके। केटी रामा राव सहित तेलंगाना के मंत्रियों ने विभिन्न स्थानों पर योजना की औपचारिक शुरुआत की।

27 हजार स्कूलों में लागू होगी योजना

योजना के लॉन्च के बाद रामा राव ने कहा कि यह योजना राज्य भर के 27,147 सरकारी स्कूलों में लागू की जाएगी। रामा राव ने कहा, "नाश्ता बहुत पौष्टिक है। स्वाद भी बहुत अच्छा है।" उन्होंने कहा कि मेनू में इडली-सांबर, गेहूं रवा उपमा, पूरी-आलू कोरमा, टमाटर सूप, खिचड़ी, बाजरा इडली और पोंगल समेत अन्य चीजें शामिल हैं।

रामा राव ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि भोजन की गुणवत्ता बनी रहे और गुणवत्ता का बार-बार और नियमित रूप से परीक्षण करने के लिए यादृच्छिक नमूने इकट्ठा किए जाएं। तमिलनाडु में इसी तरह की एक योजना कक्षा I से V तक के स्कूली बच्चों के लिए लागू की जा रही है।

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कक्षा 1 से 10वीं तक के लिए शुरू होगी योजना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव चाहते थे कि इसे कक्षा 10 तक के छात्रों के लिए लागू किया जाए। राज्य सरकार ने पहले 24 अक्टूबर यानी विजयादशमी के दिन से कक्षा 1 से 10 तक पढ़ने वाले स्कूली बच्चों के लिए योजना शुरू करने की योजना बनाई थी। हालांकि, योजना को पहले ही लागू कर दिया गया।

बच्चों को सही मात्रा में भोजन देने का लक्ष्य

एक सरकारी आदेश में पहले कहा गया था कि यह योजना सभी कार्य दिवसों पर सरकारी और स्थानीय निकायों के स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों पर लागू है। बीआरएस सरकार ने कहा था कि यह योजना स्कूल जाने वाले बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाने के प्रयास में शुरू की जाएग। बच्चों में पोषण की सही मात्रा होना कामकाजी महिलाओं के लिए काफी चिंता का विषय है और इस योजना को माताओं के बोझ को कम करने के लिए किया जा रहा है।

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