अरविंद केजरीवाल, भूपेंद्र बघेल और चंद्रशेखर राव की गई कुर्सी... क्या सीएम स्टालिन पर भी भारी पड़ेगा शराब घोटाला?
तमिलनाडु में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने को हैं। इस बीच माना जा रहा है कि तमिलनाडु में शराब घोटाला मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भारी पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले डेढ़ सालों में शराब घोटाले के आरोपों में घिरे तीन मुख्यमंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। सीएम स्टालिन मामले की ईडी की जांच रुकवाने के लिए पूरी ताकत के साथ लगे हैं।
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। चुनावी साल में तमिलनाडु में शराब घोटाला डीएमके प्रमुख और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भारी पड़ सकता है। पिछले डेढ़ साल में शराब घोटाले के आरोपों में घिरे तीन मुख्यमंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
इनमें दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव हैं, जिनकी बेटी के कविता दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी हैं। पिछले महीने मारे गए छापे में ईडी ने तमिलनाडु में एक बड़े शराब घोटाले के पुख्ता सबूत मिलने का दावा किया है।
जांच रुकवाने की कोशिश में लगे सीएम स्टालिन
शराब घोटाले के चुनावी असर को देखते हुए स्टालिन इसकी ईडी की जांच रुकवाने के लिए पूरी ताकत के साथ जुड़ गए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन दोनों जगह से फटकार मिली है।
शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में चार मार्च को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (टासमैक) के ठिकानों पर ईडी के छापे के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गईं। लेकिन सुनवाई के पहले की इन याचिकाओं के सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने के लिए सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल कर दी गई।
SC ने मामले को सुनने से इनकार कर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनने से इनकार कर दिया, हालांकि हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है। ईडी के उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार शराब की खरीद-बिक्री में घोटाले को लेकर खुद तमिलनाडु पुलिस में कई एफआईआर दर्ज हैं, जो ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए पुख्ता आधार है। कानूनी तौर पर ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से रोका नहीं जा सकता है।
ईडी की जांच में भारी घोटाले के सबूत मिले
- ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ईडी की जांच तमिलनाडु में शराब की खरीद, वितरण और दुकानों पर बिक्री तक तीनों स्तरों पर भारी घोटाले के सबूत मिले हैं। शराब के कारोबार को संभालने वाले टासमैक के अधिकारी शराब निर्माता कंपनियों को सप्लाई आर्डर देने के लिए बड़ी मात्रा में रिश्वत वसूल के आरोप हैं।
- वहीं, टासमैक के रिटेल दुकानों पर कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर बिक्री तक में रिश्वत लेने के सबूत मिले हैं। सबसे बड़ी बात टासमैक की दुकानों पर हर बोतल पर ग्राहकों से 10 से 30 रुपये अतिरिक्त बेचने के भी सबूत हैं। टासमैक द्वारा बिना पैन, जीएसटी नंबर और केवाइसी कराये बिना शराब बिक्री का टेंडर जारी करने के भी सबूत मिले हैं।
- ईडी ने अभी तक पूरे घाटाले में की गई काली कमाई का आंकलन नहीं किया है। लेकिन इसकी व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। सिर्फ शराब निर्माता कंपनियों के सप्लाई में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के सबूत मिले हैं। खुदरा दुकानों पर बिक्री में ग्राहकों से की गई अवैध वसूली इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है।
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