'DGCA के प्रस्तावित नए नियमों से पायलटों को होगी सुविधा', ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- थकान की समस्या से मिलेगा छुटकारा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि पायलटों की थकान की समस्या से निपटने के लिए प्रस्तावित नए नियम पायलटों के लिए सुविधाजनक व्यवस्था स्थापित करने में मदद करेंगे। डीजीसीए सुनिश्चित करना चाहता है कि पायलटों को 48 घंटों का न्यूनतम साप्ताहिक आराम दिया जाए। फिलहाल आराम की अवधि 36 घंटे है। डीजीसीए ने नवंबर 2023 में उड़ान के चालक दल के सदस्यों की सेवा के नियमों में बदलाव प्रस्तावित किए।

पीटीआई, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि पायलटों की थकान की समस्या से निपटने के लिए प्रस्तावित नए नियम पायलटों के लिए सुविधाजनक व्यवस्था स्थापित करने में मदद करेंगे। नए नियमों में पायलटों की फ्लाइट ड्यूटी की अवधि कम करने का प्रस्ताव है।
पायलटों को मिल सकता है 48 घंटों का न्यूनतम साप्ताहिक आराम
हाल ही में साक्षात्कार में सिंधिया ने कहा कि पायलट की थकान की समस्या को देखते हुए नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) पर गौर किया गया है। डीजीसीए सुनिश्चित करना चाहता है कि पायलटों को 48 घंटों का न्यूनतम साप्ताहिक आराम दिया जाए। फिलहाल आराम की अवधि 36 घंटे है।
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नियामक को मिले हैं बदलवा पर कई सुझाव
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नवंबर 2023 में उड़ान के चालक दल के सदस्यों की सेवा के नियमों में बदलाव प्रस्तावित किए। इसके तहत सीएआर में ड्यूटी अवधि, उड़ान ड्यूटी अवधि, उड़ान समय सीमाएं और निर्धारित आराम अवधि से संबंधित बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं।
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मसौदा प्रस्ताव पर जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई थी। डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि नियामक को सीएआर में बदलाव पर कई सुझाव मिले हैं।

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