स्वदेशी जागरण मंच ने कहा-जीएम सरसों खतरनाक, नहीं मिले मंजूरी; समर्थन में किए जा रहे दावे को बताया झूठा
महाजन ने आरोप लगाया कि जैसा कि पूर्वानुमान था जीईएसी ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप कोई समीक्षा नहीं की। नियामकों ने जीएम फसल का विकास करने वालों से हाथ मिला लिया है। वे बार-बार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं जो एक गंभीर मुद्दा है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। स्वदेशी जागरण मंच ने जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी द्वारा आनुवंशिक रूप से परिवर्धित (जीएम) सरसों को पर्यावरण मंजूरी देने की सिफारिश का विरोध किया है। मंच ने जीएम सरसों को 'खतरनाक' करार देते हुए केंद्र से अनुरोध किया है कि वह सुनिश्चित करे कि इसके बीज 'कभी नहीं बोए' जाएं।
भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में लगाया गया आरोप
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) 'गैर-जिम्मेदाराना' तरीके से काम कर रही है। जीएम सरसों के समर्थन में किए जा रहे दावे 'पूरी तरह से झूठे, असत्यापित और गलत तरीके से पेश किए गए तथ्य' हैं।
पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी को रोका
मंच के सह-समन्वयक अश्विनी महाजन ने पत्र में कहा, हम इस खतरनाक और अवांछित जीएम सरसों को पिछले रास्ते से लाने का हमेशा विरोध करते रहे हैं। इससे पहले स्वदेशी जागरण मंच द्वारा अपनी चिंताएं जाहिर करने के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने जीएम सरसों के लिए नियामकीय मंजूरी को रोक दिया था, ताकि इसकी समीक्षा की जा सके।
नियामकों ने जीएम फसल का विकास
महाजन ने आरोप लगाया कि जैसा कि पूर्वानुमान था जीईएसी ने 'अपनी प्रतिष्ठा' के अनुरूप कोई समीक्षा नहीं की। नियामकों ने जीएम फसल का विकास करने वालों से हाथ मिला लिया है। वे बार-बार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो एक गंभीर मुद्दा है। महाजन ने कहा, हमें भरोसा है कि जीएम फसलों के प्रतिकूल असर का सतर्कतापूर्ण अध्ययन करने वाले और पूर्व में अपने विचारों को प्रकट करने वाले व्यक्ति के रूप में आप इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करेंगे।
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