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    सुप्रिया, कनिमोझी और काकोली ने परिसीमन पर उठाए सवाल, तीनों विपक्षी सांसदों ने महिला आरक्षण बिल का किया समर्थन

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 09:05 PM (IST)

    महिला आरक्षण विधेयक के मामले पर लगभग पूरा सदन सहमत था। विपक्षी महिला सांसदों ने भी विधेयक का स्पष्ट समर्थन तो किया लेकिन भाजपा के विरोध की धार भी बरकरार रखी। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले डीएमके सांसद कनिमोझी और तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष ने एक स्वर में परिसीमन के बाद आरक्षण लागू किए जाने की शर्त पर प्रश्न खड़े किए।

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    लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान सुप्रिया सुले व अन्य। (फोटो- एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महिला आरक्षण विधेयक के मामले पर लगभग पूरा सदन सहमत था। विपक्षी महिला सांसदों ने भी विधेयक का स्पष्ट समर्थन तो किया, लेकिन भाजपा के विरोध की धार भी बरकरार रखी। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी और तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष ने एक स्वर में परिसीमन के बाद आरक्षण लागू किए जाने की शर्त पर प्रश्न खड़े किए।

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    महिला पहलवानों के मुद्दे पर काकोली ने सरकार को घेरा

    काकोली ने महिला पहलवानों के उत्पीड़न का मामला उठाकर भी भाजपा को घेरने का प्रयास किया। महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान बुधवार को सुप्रिया सुले ने कहा कि विधेयक का समर्थन करते हैं। महिला आरक्षण की पहल का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को देते हुए सुप्रिया ने याद दिलाया कि पंचायत चुनाव में सबसे पहले महाराष्ट्र में उनके पिता शरद पवार ने मुख्यमंत्री रहते हुए आरक्षण लागू किया था।

    यह भी पढ़ेंः Women Reservation Bill: ऐतिहासिक फैसला, लोकसभा में पारित हुआ नारी शक्ति वंदन विधेयक; विरोध में महज दो मत

    सुप्रिया सुले ने भाजपा पर किया हमला

    भाजपा पर हमलावर सुले ने कहा कि भाजपा नेताओं की महिलाओं के प्रति मानसिकता यह है कि मुझे टेलीविजन पर महाराष्ट्र में भाजपा के एक नेता ने कहा था कि सुप्रिया सुले घर जाओ, खाना बनाओ, देश कोई और चला लेगा। एनसीपी सांसद ने सवाल उठाया कि जब जनगणना और परिसीमन की तिथि निर्धारित नहीं है तो क्या माना जाए कि महिला आरक्षण कब लागू होगा।

    तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने विधेयक का समर्थन करते हुए दावा किया कि बंगाल इकलौता राज्य है, जहां महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। भाजपा शासित किसी अन्य राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं हैं। इसी तरह लोकसभा में टीएमसी की महिला सांसदों की चालीस प्रतिशत भागीदारी बिना किसी आरक्षण के है। काकोली ने सवाल उठाया कि इस आरक्षण के साथ परिसीमन को क्यों जोड़ा गया है।

    सदन में महिला उत्पीड़न के मुद्दे पर सरकार से सवाल

    इसके साथ ही उन्होंने महिला उत्पीड़न के मुद्दे पर भाजपा को घेरने का प्रयास किया। कहा कि भाजपा को अपनी कथनी और करनी का भेद दूर करना चाहिए। सभी ने देखा कि इस देश के लिए मेडल लाने वाली बेटियों का यौन शोषण हुआ, वह जंतर-मंतर पर धरना देती रहीं, लेकिन उस मामले में कार्रवाई नहीं की।

    उन्होंने आईआईटी खड़गपुर और इसरो की महिला विज्ञानियों को वेतन नहीं दिए जाने का आरोप भी लगाया। इसी तरह विधेयक पर चर्चा में शामिल कनिमोझी ने कहा कि विधेयक में 'परिसीमन के बाद' से संबंधित खंड को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे महिलाओं के लिए आरक्षण के कार्यान्वयन में अत्यधिक देरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस बिल को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' कहा जा रहा है। हमें सलाम करना बंद करो। हम चाहते हैं कि हमारा समान रूप से सम्मान किया जाए।

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    अजित की ओर सुप्रिया का इशारा

    सुप्रिया सुले ने चर्चा के दौरान बिना किसी का नाम लिए ऐसी बात कही, जिसे उनके पारिवारिक विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के उत्तर में उन्होंने कहा कि हर घर में ऐसे भाई नहीं होते जो बहन का कल्याण देखते हैं। सभी की तकदीर अच्छी नहीं होती।