कोल्हापुर की 'महादेवी हथिनी' मामले पर सुनवाई को राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, Vantara से क्यों वापसी कराना चाहते हैं लोग?
सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित एक मंदिर से एक हाथी को गुजरात के वंतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित करने के मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। माधुरी नामक इस हाथी को जैन समाज के नंदिनी मठ से वंतारा में स्थानांतरित किया गया था जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए। PETA की रिपोर्ट और जांच समिति की पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित एक मंदिर से एक हथिनी को गुजरात स्थित वंतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर में ट्रांसफर करने से संबंधित मामले पर सुनवाई करने के लिए राजी हुई हैं।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार को निर्धारित की है।
Supreme Court has agreed to list a matter concerning shifting of an elephant from a temple in Kolhapur, Maharashtra to Vantara animal rescue centre run in Gujarat.
— ANI (@ANI) August 11, 2025
A bench led by CJI BR Gavai listed the matter to be taken up on Thursday.
क्या है पूरा मामला?
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वनतारा का स्टाफ कोल्हापुर आकर 'माधुरी' नाम की एक हथिनी को जामनगर ले गया था।
इस हथिनी को महादेवी हथिनी के नाम से भी संबोधित किया जाता है, लेकिन माधुरी को कोल्हापुर से ले जाते समय एवं उसके बाद भी लगातार विरोध प्रदर्शन हुए।
ये हथिनी जैन समाज के नंदिनी मठ में रहती थी। दरअसल पीपुल्स फॉल द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) ने महादेवी हथिनी की हालत बेहद खराब बताई थी।
पेटा की रिपोर्ट में वंतारा किया गया था शिफ्ट
PETA ने कहा था कि उसकी देखभाल ठीक से नहीं की जाती है। फिर एक उच्चस्तरीय जांच समिति ने इन दावों की पुष्टि की थी। इस जांच के आधार पर हथिनी को वंतारा के पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया था।
बता दें माधुरी या कहें महादेवी हथिनी को 1992 में मठ में लाया गया था। ये मठ कई गांवों के बीच एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थान है। इस हथिनी को जिले के लोग रुतबे से जोड़ते हैं। इसलिए जब हथिनी को वंतारा ले जाया गया तो पूरे जिले में विरोध प्रदर्शन किया गया था।
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