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West Bengal: पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने माणिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश दिया था। इसके अलावा माणिक और उनके परिवार के सदस्यों को अदालत में संपत्ति का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया था।

By JagranEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 27 Sep 2022 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 07:48 PM (IST)
West Bengal: पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
SC ने माणिक भट्टाचार्य को सीबीआइ कार्यालय में हाजिर होने का दिया निर्देश।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार तक के लिए रोक लगा दी है, हालांकि उन्हें सीबीआइ कार्यालय में हाजिर होना होगा। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की ओएमआर शीट को समय से पहले नष्ट करने के मामले की अदालत ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया है।

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इसके साथ ही इस मामले में माणिक भट्टाचार्य को आज रात आठ बजे तक सीबीआइ कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर माणिक भट्टाचार्य जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो जरूरत पडने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

गौरतलब है कि 2014 की टेट की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ में माणिक की भूमिका की जांच के लिए सीबीआइ उनसे पूछताछ करेगी। इस मामले में सीबीआइ उनसे पहले भी पूछताछ कर चुकी है। सीबीआइ ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था।

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सीबीआइ इस बात की जांच करेगी कि माणिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद पर क्यों नियुक्त किया गया था? उनका चयन कैसा हुआ था? कोर्ट ने एक महीने के अंदर जांच की प्रगति रिपोर्ट जमा करने को कहा है। एक नवंबर तक रिपोर्ट देनी होगी।

माणिक को लेकर बंगाल में सियासत गर्म

गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने माणिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश दिया था। इसके अलावा माणिक और उनके परिवार के सदस्यों को अदालत के समक्ष हलफनामे के रूप में संपत्ति का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया था। माणिक ने इसके खिलाफ खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिसने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था। वह उस आदेश को चुनौती देते हुए वह सुप्रीम कोर्ट में गए थे।

माणिक को लेकर बंगाल में सियासत भी गरमा गई है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि माणिक साजिश में भागीदारों में से एक हैं। यह विभिन्न तरीकों से स्पष्ट हो चुका है। माकपा के केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने माणिक को मुख्यमंत्री का करीबी बताते हुए कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर तुरंत सजा दी जाए।

दूसरी तरफ तृणमूल नेता जयप्रकाश मजुमदार ने दावा किया कि इसका उनकी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है और भाजपा के पास खुश होने की कोई वजह नहीं है। सीबीआइ की जांच को लेकर आम लोगों के मन में कई सवाल हैं।

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