सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केन्या में बेटे की कस्टडी लेने में महिला की मदद करे केंद्र सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक महिला को केन्या में अपने पति से बेटे की कस्टडी हासिल करने में भारतीय दूतावास हर संभव सहायता मुहैया कराए। उसके पति ने कस्टडी के इस मुकदमे में कोर्ट की अवमामना और धोखाधड़ी की है।

दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक महिला को केन्या में अपने पति से बेटे की कस्टडी हासिल करने में भारतीय दूतावास हर संभव सहायता मुहैया कराए। उसके पति ने कस्टडी के इस मुकदमे में कोर्ट की अवमामना और धोखाधड़ी की है। भारतीय मूल के केन्याई नागरिक पेरी कंसाग्रा को सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को पहले ही अवमानना के लिए दोषी ठहराया था। उसने अलग रह रही पत्नी से अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के लिए मुकदमे की सुनवाई के दौरान वचन दिया था कि वह लौटेगा, लेकिन नहीं लौटा।
अदालत को धोखा देकर अपने बेटे को ले गया केन्या
शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के अनुसार कंसाग्रा ने बेटे को केन्या ले जाते समय सिक्योरिटी के तौर पर रजिस्ट्री में एक करोड़ रुपये जमा किए थे। वह अदालत को धोखा देकर अपने बेटे को केन्या ले गया। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में सिक्योरिटी के तौर पर जमा किए गए रुपये में से 25 लाख रुपये महिला को सात दिनों के भीतर जारी करने का आदेश दिया ताकि केन्या में अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के लिए कानूनी कार्रवाई और अन्य उपाय किया जा सके।
पीठ ने रख लिया था अपना फैसला सुरक्षित
इससे पहले पीठ ने दोषी कंसाग्रा को दी जाने वाली सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने आदेश में अपने आदेश में कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने प्रस्तुत किया है कि केन्या में भारतीय दूतावास बच्चे की कस्टडी पाने में मदद करने के लिए केन्या में हर संभव सहायता और मदद करेगा। पीठ ने कहा कि महिला अपने बेटे की कस्टडी वापस पाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान केन्या की यात्रा करना चाहती है और केंद्र को निर्देश दिया कि प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए।
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