सुप्रीम कोर्ट का नीट सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों के कट आफ अंकों में हस्तक्षेप से इन्कार, कहा- नहीं कर सकते योग्यता की अनदेखी
सुप्रीम कोर्ट ने NEET Super Speciality पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कट-आफ पर्सेटाइल को कम करने के मामले में दखल देने से इन्कार कर दिया है। इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने क्या बातें कही जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के सुपर-स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कट-आफ पर्सेटाइल को कम करने के मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। उसने कहा है कि चिकित्सकों को मरीज के जीवन को बचाना होता है, इसलिए योग्यता की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ कर रही थी।
पर्सेंटाइल को कम नहीं करने का फैसला
इस दौरान पीठ ने कहा कि पर्सेंटाइल को कम नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह पूरी तरह से अकादमिक नीति का मामला है। इसे गलत नहीं ठहराया जा सकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बताए गए कारणों को अप्रासंगिक और मनमाना नहीं माना जा सकता, क्योंकि चिकित्सकों को मरीजों के जीवन को बचाना होता है।
याचिका पर विचार करना संभव नहीं
पीठ ने कहा कि रिक्त सीटों पर काउंसलिंग के लिए उम्मीदवार बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं लेकिन पर्सेंटाइल को कम नहीं करने का निर्णय योग्यता से समझौता नहीं करने पर आधारित है। ऐसे में पर्सेंटाइल को कम करने के निर्देश के लिए याचिका पर विचार करना संभव नहीं है।
कम कर दिया था कट-आफ पर्सेंटाइल
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के दौरान कट-आफ पर्सेंटाइल को घटा दिया गया था, ताकि कोविड के कारण खाली सीट की संख्या को 809 से घटाकर 272 किया जा सके। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए पर्सेंटाइल को 50 से घटाकर 45 कर दिया गया था। जिससे खाली सीट घटकर 91 हो गईं जो पहले 900 से अधिक थीं।
हरियाणा सिविल सर्विसेज न्यायिक शाखा की मुख्य परीक्षा 20 से
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सिविल सर्विसेज (न्यायिक शाखा) की मुख्य परीक्षा-2021 इसी 20 मई से कराने का निर्देश दिया है। जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस जेके महेश्वरी ने पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों के पेश होने के बाद अपना आदेश पारित किया और लोक सेवा आयोग ने कोर्ट को बताया कि दी गई तारीखों पर परीक्षा कराई जा सकती है।