SC ने नीतीश कटारा हत्याकांड में सुखदेव यादव को रिहा करने का दिया आदेश, मार्च में पूरी हुई 20 साल की सजा
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव को रिहा करने का आदेश दिया क्योंकि उसने 20 साल की सजा पूरी कर ली है। अदालत ने सजा समीक्षा बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि दोषी को जेल में नहीं मरना चाहिए। विकास यादव की अंतरिम जमानत भी चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को रिहा करने का आदेश दिया और कहा कि उसने इस साल मार्च में 20 साल की सजा पूरी कर ली है।
सजा समीक्षा बोर्ड ने सुखदेव के आचरण का हवाला देते हुए उनकी माफी की याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सजा समीक्षा बोर्ड न्यायिक प्राधिकारी के आदेश को कैसे दबा सकता है? अगर यही रवैया रहा तो हर दोषी जेल में ही मरेगा। क्या यह कार्यपालिका का आचरण है?
SC ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यादव को 20 साल की सजा पूरी होने के बाद रिहा किया जाना चाहिए था। दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे ने दलील दी कि 20 साल की सजा के बाद स्वत: रिहाई नहीं हो सकती और आजीवन कारावास का मतलब है शेष जीवन तक जेल में रहना।
हालांकि, सुखदेव यादव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ मृदुल ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने नौ मार्च, 2025 को अपनी सजा पूरी कर ली है। उन्होंने यादव को नौ मार्च से आगे हिरासत में रखने के किसी भी वैध औचित्य से इनकार किया और कहा कि दिल्ली सरकार ने सजा की गलत व्याख्या की है।
चार हफ्ते के लिए बढ़ी अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल की जेल की सजा काट रहे विकास यादव को उसकी बीमार मां की देखभाल के लिए दी गई अंतरिम जमानत चार हफ़्ते के लिए बढ़ा दी।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने विकास यादव से कहा कि वह इस मामले में सजा माफी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाएं। शीर्ष न्यायालय ने चिकित्सा आधार पर यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाई है।
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