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    SC में उठी कुत्तों के काटने की गंभीर समस्या, वकील के हाथ में देखी पट्टी तो CJI ने पूछा- कैसे हुआ यह सब?

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Mon, 11 Sep 2023 09:34 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उस समय आवारा कुत्तों का मामला पहुंच गया। जब CJI डीवाई चंद्रचूड़ के सामने एक वकील ने अपने ऊपर हुए कुत्ते के हमले का जिक्र कर दिया। जिसके बाद सीजेआई ने वकील से मेडिकल सहायता की पेशकश की। वकील कुणाल चटर्जी अपने हाथ में पट्टी बांधकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इसी दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ की नजर उनके हाथों पर बंधी पट्टी पर पड़ी।

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    आवारा कुत्तों के हमले से नहीं बच पाए वकील, CJI ने पूछा- कैसे हुआ यह सब? (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कुत्तों के काटने की गंभीर समस्या का मामला उठा। गाजियाबाद में पिछले दिनों कुत्ते के काटने से रैबीज पीड़ित बच्चे के पिता की गोद में दम तोड़ने की घटना का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जिक्र किया। एक अन्य वरिष्ठ वकील ने कुत्ते के काटने की समस्या को गंभीर बताते हुए कोर्ट से आग्रह किया कि वह मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करे। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल ऐसा कोई आदेश नहीं दिया और विचार करने की बात की।

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    सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा आवारा कुत्तों का मामला

    सोमवार की सुबह जब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मुकदमों की सुनवाई कर रही थी, तभी जस्टिस चंद्रचूड़ का ध्यान बहस करने के लिए पेश हुए वकील के हाथ में बंधी पट्टी पर गया। चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा कि आपके हाथ में क्या हुआ है यह पट्टी कैसे बंधी है। वकील ने कहा कि पांच कुत्तों ने उनका पीछा किया जिसमें ये चोटें आई हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा आपके पड़ोस में ऐसा हुआ। वकील ने कहा कि हां।

    चीफ जस्टिस ने जताई चिंता

    चीफ जस्टिस ने चिंता जताते हुए कहा कि आपको कोई चिकित्सीय मदद की जरूरत हो तो बताइये मैं अभी रजिस्ट्री से मदद के लिए ले जाने को कह सकता हूं। जब चीफ जस्टिस वकील से हालचाल पूछ रहे थे तभी कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि कुत्तों की काटने की समस्या बहुत गंभीर है। कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करनी चाहिए।

    गाजियाबाद के मामले का हुआ सुप्रीम कोर्ट में जिक्र

    अदालत कक्ष में मौजूद सॉलिसटिर जनरल तुषार मेहता ने गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से रैबीज पीड़ित बच्चे के पिता की गोद में तड़प-तड़प के दम तोड़ने की घटना का जिक्र किया। मेहता ने कहा कि उस मामले में नौ दस साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। शुरू में बच्चे ने घर में बताया नहीं, जिससे उचित मेडिकल देखभाल नहीं मिली। जब बच्चे को रैबीज हो गया तो पिता बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास गया, लेकिन डॉक्टर ने जवाब दे दिया। बच्चे ने पिता की गोद में दम तोड़ दिया। बड़ा ही हृदयविदारक वीडियो है।

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    सीजेआई के क्लर्क पर भी कुत्तों ने किया था हमला

    चीफ जस्टिस ने भी अपना अनुभव साझा किया और कहा कि दो साल पहले मेरे लॉ क्लर्क अपनी कार पार्क कर रहे थे और उन पर सड़क के कुत्तों ने हमला कर दिया था। वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि आवारा कुत्ते बड़ी समस्या हैं। अलग अलग हाई कोर्ट मामलों पर अलग अलग आदेश दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करनी चाहिए। हालांकि कोर्ट ने इस बारे में तत्काल कोई आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने सूची में लगे मामलों की सुनवाई शुरू कर दी। बताते चलें कि कुत्तों के काटने की समस्या और कुत्तों के साथ क्रूर व्यवहार का मामला सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य पीठ के समक्ष पहले से विचाराधीन है। जिसमें अन्य याचिकाओं के अलावा केरल और बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपीलें भी लंबित हैं।

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